Intermittent Fasting: वजन घटाने के लिए आज-कल लोग एक प्रभावी और आसान तरीके को अपना रहे है. यह तरीका कुछ और नहीं बल्कि इंटरमिटेंट फास्टिंग है. यह पारंपरिक डाइट से अलग है. इसमें खाने का समय तय करना होता है. यह उपवास और खाने की अवधि को बांटता है. सबसे लोकप्रिय 16:8 विधि है. इसमें 16 घंटे फास्टिंग और 8 घंटे फ्री टाइम होता है. उदाहरण के लिए, आप दोपहर 12 बजे से शाम 8 बजे तक खा सकते हैं. इस दौरान नाश्ता छोड़ा जाता है.
शुरुआती लोगों के लिए और भी तरीके हैं. 14:10 विधि में 10 घंटे खाने का समय होता है, जैसे सुबह 10 से शाम 8 बजे तक. 5:2 विधि में 5 दिन सामान्य खाना खाया जाता है. ये तरीके लचीले और आसान हैं.
डॉक्टर का माना होता है कि इंटरमिटेंट फास्टिंग इंसुलिन का स्तर कम करता है. इससे शरीर संग्रहीत वसा जलाता है. यह देर रात के नाश्ते को रोकता है. यह भूख हार्मोन को नियंत्रित करता है. अध्ययनों के अनुसार, यह रक्त शर्करा और कोलेस्ट्रॉल को बेहतर करता है. इससे ऊर्जा स्तर भी बढ़ता है. हालांकि इस फास्टिंग को करने के दौरान कुछ महत्वपूर्ण बातों पर ध्यान देना जरूरी होता है.
सबसे पहले तो फास्टिंग के दौरान खूब सारा पानी पीने की सलाह दी जाती है. इसके बाद फास्टिंग खत्म करने के बाद संतुलित भोजन लेने की सलाह दी जाती है. आईएफ की लोकप्रियता तेजी से बढ़ रही है, लोग इसे आसान और टिकाऊ मानते हैं. इस तरीके को अपनाने से ना केवल वजन कम होता है बल्कि जीवनशैली और भी ज्यादा बेहतर होता है. विशेषज्ञों का कहना है कि धैर्य और स्थिरता से अच्छे परिणाम मिलते हैं. यह स्वस्थ जीवन का नया रास्ता है.
फास्टिंग करने के सही नियम के मुताबिक वर्किंग डे में 16:8 विधि की सलाह दी जाती है. वहीं विकेंड में 14:10 विधि अपनाए जाने की सलाह दी जाती है. यह लचीलापन देता है. डाइट में सुबह 8 बजे: ब्लैक कॉफी, ग्रीन टी या पानी (बिना कैलोरी), दोपहर 12 बजे: पहला भोजन (प्रोटीन और फाइबर युक्त), शाम 4 बजे: नाश्ता (नट्स, फल, दही) और शाम 7:30 बजे: रात का खाना (लीन प्रोटीन, सब्जियां, स्वस्थ वसा) फिर रात 8 बजे से अगले दिन दोपहर 12 बजे तक उपवास करना सबसे सही तरीका माना जाता है.
Intermittent Fasting: वजन घटाने के लिए आज-कल लोग एक प्रभावी और आसान तरीके को अपना रहे है. यह तरीका कुछ और नहीं बल्कि इंटरमिटेंट फास्टिंग है. यह पारंपरिक डाइट से अलग है. इसमें खाने का समय तय करना होता है. यह उपवास और खाने की अवधि को बांटता है. सबसे लोकप्रिय 16:8 विधि है. इसमें 16 घंटे फास्टिंग और 8 घंटे फ्री टाइम होता है. उदाहरण के लिए, आप दोपहर 12 बजे से शाम 8 बजे तक खा सकते हैं. इस दौरान नाश्ता छोड़ा जाता है.
शुरुआती लोगों के लिए और भी तरीके हैं. 14:10 विधि में 10 घंटे खाने का समय होता है, जैसे सुबह 10 से शाम 8 बजे तक. 5:2 विधि में 5 दिन सामान्य खाना खाया जाता है. ये तरीके लचीले और आसान हैं.
डॉक्टर का माना होता है कि इंटरमिटेंट फास्टिंग इंसुलिन का स्तर कम करता है. इससे शरीर संग्रहीत वसा जलाता है. यह देर रात के नाश्ते को रोकता है. यह भूख हार्मोन को नियंत्रित करता है. अध्ययनों के अनुसार, यह रक्त शर्करा और कोलेस्ट्रॉल को बेहतर करता है. इससे ऊर्जा स्तर भी बढ़ता है. हालांकि इस फास्टिंग को करने के दौरान कुछ महत्वपूर्ण बातों पर ध्यान देना जरूरी होता है.
सबसे पहले तो फास्टिंग के दौरान खूब सारा पानी पीने की सलाह दी जाती है. इसके बाद फास्टिंग खत्म करने के बाद संतुलित भोजन लेने की सलाह दी जाती है. आईएफ की लोकप्रियता तेजी से बढ़ रही है, लोग इसे आसान और टिकाऊ मानते हैं. इस तरीके को अपनाने से ना केवल वजन कम होता है बल्कि जीवनशैली और भी ज्यादा बेहतर होता है. विशेषज्ञों का कहना है कि धैर्य और स्थिरता से अच्छे परिणाम मिलते हैं. यह स्वस्थ जीवन का नया रास्ता है.
फास्टिंग करने के सही नियम के मुताबिक वर्किंग डे में 16:8 विधि की सलाह दी जाती है. वहीं विकेंड में 14:10 विधि अपनाए जाने की सलाह दी जाती है. यह लचीलापन देता है. डाइट में सुबह 8 बजे: ब्लैक कॉफी, ग्रीन टी या पानी (बिना कैलोरी), दोपहर 12 बजे: पहला भोजन (प्रोटीन और फाइबर युक्त), शाम 4 बजे: नाश्ता (नट्स, फल, दही) और शाम 7:30 बजे: रात का खाना (लीन प्रोटीन, सब्जियां, स्वस्थ वसा) फिर रात 8 बजे से अगले दिन दोपहर 12 बजे तक उपवास करना सबसे सही तरीका माना जाता है.