Air India Flight Crash: एयर इंडिया ने अपने बोइंग 787 और बोइंग 737 विमानों के ईंधन नियंत्रण स्विच (FCS) के लॉकिंग सिस्टम की जांच पूरी कर ली है. यह कदम पिछले महीने हुई एक दुखद दुर्घटना के बाद उठाया गया. नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) ने 14 जुलाई को सभी संबंधित विमानों के FCS लॉकिंग तंत्र की जांच अनिवार्य की थी.
एयर इंडिया ने इससे पहले 12 जुलाई को ही स्वैच्छिक निरीक्षण शुरू किया था. एयर इंडिया के प्रवक्ता ने बताया कि निरीक्षण में कोई खराबी नहीं मिली. हमने समय सीमा से पहले जांच पूरी कर डीजीसीए को सूचित कर दिया.
अहमदाबाद से लंदन गैटविक जा रहा एयर इंडिया का विमान उड़ान भरते ही एक बिल्डिंग से टकरा गया. इस हादसे में विमान में सवार सभी लोगों (केवल एक को छोड़कर) की जान चली गई थी. इनके अलावा जमीन पर मौजूद 19 लोगों की भी मौत हो गई थी. केवल एक यात्री ही जीवित बचा. इस घटना के बाद विमानन क्षेत्र में सुरक्षा मानकों पर सवाल उठे. हादसे की जांच अभी जारी है. FCS विमान के इंजनों में फ्यूल को रेगुलेट करता है. पायलट इसका इस्तेमाल इंजन शुरू या बंद करने और उड़ान के दौरान खराबी ठीक करने के लिए करते हैं. हादसे की जांच में यह स्विच मुख्य फोकस में है. अंतिम रिपोर्ट अगले साल तक आने की उम्मीद है.
एयर इंडिया ने यात्रियों और चालक दल की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता बताया. प्रवक्ता ने कहा कि हम सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध हैं. सभी विमानों की जांच समय पर पूरी की गई. एयर इंडिया बोइंग 787 का इस्तेमाल लंबी दूरी की उड़ानों के लिए करती है, जबकि उसकी सहायक कंपनी एयर इंडिया एक्सप्रेस बोइंग 737 का संचालन करती है. हादसे के बाद डीजीसीए ने तुरंत कार्रवाई की और इसके जांच का निर्देश दिया.
एयर इंडिया ने इस निरीक्षण से अपनी सुरक्षा प्रक्रियाओं को और मज़बूत किया है. हादसे की जाँच से मिलने वाली जानकारी भविष्य में विमानन सुरक्षा को बेहतर बनाने में मदद करेगी. डीजीसीए और एयरलाइनें मिलकर यात्रियों के भरोसे को बनाए रखने के लिए काम कर रही हैं.