जीरो बर्निंग, डबल अर्निंग! पंजाब सरकार का एक्शन प्लान-2025 किसानों के लिए ‘गेमचेंजर’

Punjab Stubble Solution: सरकार का 500 करोड़ रुपये का एक्शन प्लान-2025 किसानों की आय को नई ऊंचाई देने वाला है.इस योजना के तहत केंद्र सरकार की 150 करोड़ रुपये की मदद से किसानों को 15,000 से अधिक मशीनें जैसे सुपर सीडर और बेलर रियायती दरों पर उपलब्ध कराई जाएंगी.

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Punjab Stubble Solution: उत्तर भारत में धान कटाई के बाद पराली जलाने की समस्या हर साल प्रदूषण का बड़ा कारण बनती रही है.लेकिन इस बार पंजाब सरकार ने इसे अवसर में बदलने की ठानी है.मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व में शुरू हुआ एक्शन प्लान-2025 किसानों को ‘पराली जलाने’ से मुक्त कर ‘हरा सोना’ कमाने का नया रास्ता दिखा रहा है.यह योजना न केवल प्रदूषण कम करेगी, बल्कि किसानों की आमदनी को भी दोगुना करने का वादा करती है.

पटियाला का सफल मॉडल

पिछले वर्ष पटियाला के 17 गांवों में हुए पायलट प्रोजेक्ट ने साबित किया कि पराली को जलाने की बजाय उसका वैज्ञानिक उपयोग करके किसानों की आय बढ़ाई जा सकती है.इस पायलट में स्टबल बर्निंग की घटनाएं 80% तक कम हुईं.इसी सफलता को अब पूरे राज्य में लागू किया जा रहा है.

पंजाब सरकार ने डेलॉइट के साथ एक अहम एमओयू (समझौता) किया है, जिसके तहत पराली को बायो-एनर्जी, बिजली उत्पादन और जैविक खाद में बदलने की दिशा में बड़े प्रोजेक्ट शुरू होंगे.

500 करोड़ का एक्शन प्लान

सरकार का 500 करोड़ रुपये का एक्शन प्लान-2025 किसानों की आय को नई ऊंचाई देने वाला है.इस योजना के तहत केंद्र सरकार की 150 करोड़ रुपये की मदद से किसानों को 15,000 से अधिक मशीनें जैसे सुपर सीडर और बेलर रियायती दरों पर उपलब्ध कराई जाएंगी. कल्पना कीजिए जो पराली पहले धुएं में उड़ जाती थी, वही अब किसानों की जेब में नकद कमाई और खेतों की उर्वरता लौटाने का साधन बनेगी.

पराली से बनेगी बिजली और बायोगैस

प्लान के मुताबिक, इस साल 7.06 मिलियन टन पराली को बिजली संयंत्रों, बायोगैस इकाइयों और अन्य बायोमास प्रोजेक्ट्स में इस्तेमाल किया जाएगा.किसानों को पराली बेचकर सीधा आर्थिक लाभ मिलेगा.

अनुमान है कि पंजाब में 19 मिलियन टन पराली का सही इस्तेमाल लाखों किसानों को सालाना लाखों रुपये की अतिरिक्त कमाई देगा.डेलॉइट की तकनीकी मदद से बायोमास पावर प्रोजेक्ट्स और बायोगैस प्लांट्स की स्थापना होगी.

मशीनें और कस्टम हायरिंग सेंटर्स

पंजाब सरकार ने इस साल के लिए 4,367 नई सब्सिडी वाली मशीनों का लक्ष्य रखा है.साथ ही 1,500 कस्टम हायरिंग सेंटर्स (सीएचसी) को भी मजबूत किया जाएगा, ताकि छोटे किसान भी आसानी से मशीनें किराए पर ले सकें.

किसानों तक संदेश पहुंचाने का बड़ा अभियान

  • कृषि मंत्री गुरमीत सिंह खुड्डियां ने बताया कि किसानों को पराली प्रबंधन के लिए जागरूक करने के लिए गांव-स्तरीय बैठकों से लेकर डिजिटल अभियानों तक की योजना बनाई गई है.
  • प्रेरणादायक वीडियो और ‘उन्नत सिंह’ मास्कॉट से लैस डिजिटल वैनें गांव-गांव जाकर प्रचार करेंगी.
  • किसानों को प्रेरित करने के लिए टी-शर्ट, कैलेंडर, कप और टोट बैग जैसे आइटम बांटे जाएंगे.
  • सरकार ने ‘कृषि यंत्र साथी’ (केवाईएस) मोबाइल एप्लिकेशन लॉन्च करने का ऐलान किया है, जिससे किसान कृषि उपकरणों की बुकिंग और शेड्यूलिंग आसानी से कर सकेंगे.
  • 3,333 गांवों में कैंप और 296 ब्लॉक स्तर कार्यक्रमों के जरिए व्यापक जागरूकता फैलाई जाएगी.

पराली जलाने से स्वास्थ्य पर असर

स्वास्थ्य मंत्री डॉ. बलबीर सिंह ने कहा कि पराली जलाने से निकलने वाला धुआं वायु गुणवत्ता को गंभीर रूप से प्रभावित करता है, जिससे अस्थमा और सांस की बीमारियां बढ़ती हैं.पटियाला मॉडल ने दिखाया है कि अगर पराली प्रबंधन को सही तरीके से अपनाया जाए तो यह पर्यावरण और लोगों के स्वास्थ्य दोनों के लिए वरदान साबित हो सकता है.

पंजाब पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड की रिपोर्ट के मुताबिक, इस साल 15 से 27 सितंबर 2025 तक सिर्फ 82 आग की घटनाएं दर्ज हुईं, जो पिछले साल की तुलना में 16% कम हैं.

किसानों के लिए स्मार्ट बिज़नेस का रास्ता

मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा, “पंजाब का किसान हमारी शान है.हम पराली को समस्या नहीं, अवसर मानते हैं.एक्शन प्लान-2025 न केवल पंजाब की हवा को साफ करेगा बल्कि हर किसान को आर्थिक रूप से सशक्त बनाएगा।” इस योजना के तहत 20.5 मिलियन टन पराली का इन-सिटू और एक्स-सिटू प्रबंधन होगा.साथ ही 5 लाख एकड़ में डायरेक्ट सीडिंग ऑफ राइस (डीएसआर) को बढ़ावा दिया जाएगा.

पंजाब सरकार का एक्शन प्लान-2025 किसानों के लिए एक नया युग लेकर आ रहा है.पराली जलाने जैसी समस्या, जो अब तक प्रदूषण और स्वास्थ्य संकट का कारण रही है, अब किसानों के लिए डबल अर्निंग का सुनहरा अवसर बन रही है.यह कदम न केवल पंजाब बल्कि पूरे उत्तर भारत के लिए एक प्रेरणादायक मॉडल साबित हो सकता है.

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