Air Quality Index: राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में गुरुवार को धुंध की मोटी चादर छा गई. दिल्ली और इसके आसपास के शहरों में हवा की गुणवत्ता खतरनाक स्तर पर पहुंच गई है. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के अनुसार, देश के आठ सबसे प्रदूषित शहर एनसीआर में हैं. गाजियाबाद, फरीदाबाद, नोएडा और ग्रेटर नोएडा जैसे शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) खराब और बेहद खराब श्रेणी में दर्ज किया गया.
गाजियाबाद ने 307 के AQI के साथ देश का सबसे प्रदूषित शहर होने का अवांछित रिकॉर्ड बनाया. फरीदाबाद का बल्लभगढ़ (296), नोएडा (288), और ग्रेटर नोएडा (272) भी शीर्ष प्रदूषित शहरों में शामिल हैं. दिल्ली का AQI 245 रहा, जो इस मौसम का सबसे खराब स्तर है. नोएडा के सेक्टर 125 में AQI 344 तक पहुंचा, जबकि दिल्ली के आनंद विहार में 360 दर्ज किया गया. सड़क की धूल और वाहनों का धुआं मुख्य प्रदूषक बने हुए हैं.
विशेषज्ञों का कहना है कि ठंडी हवाएं और कम हवा की गति प्रदूषकों को जमा होने दे रही हैं. स्काईमेट के उपाध्यक्ष महेश पलावत ने बताया कि रात में तापमान गिर रहा है और हवाएं शांत हैं. इससे प्रदूषक सतह के पास फंस रहे हैं. भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने चेतावनी दी है कि अगले दो दिनों तक धुंध बनी रहेगी और रविवार तक स्मॉग का खतरा बढ़ सकता है. दिल्ली में न्यूनतम तापमान 18.1 डिग्री सेल्सियस तक गिर गया, जो और कम होने की संभावना है. केंद्रीय पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के अनुसार, दिल्ली में PM2.5 प्रदूषण में पराली जलाने का योगदान गुरुवार को 0.76% था. यह सप्ताहांत तक 6.5% तक बढ़ सकता है, क्योंकि पंजाब और हरियाणा से धुआं उत्तर-पश्चिमी हवाओं के साथ दिल्ली पहुंचेगा. दिल्ली का परिवहन क्षेत्र 18.7% PM2.5 उत्सर्जन के साथ सबसे बड़ा स्थानीय प्रदूषक है.
नोएडा की निवासी निधि सिंह ने कहा कि शाम को ठंड बढ़ रही है, लेकिन हवा में धुंध आंखों में चुभती है. सर्दियों का प्रदूषण शुरू हो चुका है. निवासियों का कहना है कि दिवाली से पहले ही हालात खराब हो रहे हैं. गाजियाबाद में प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने सड़कों पर पानी का छिड़काव बढ़ा दिया है. निर्माण स्थलों की जांच हो रही है और कचरा जलाने पर जुर्माना लगाया जा रहा है. हालांकि, विशेषज्ञों का मानना है कि ये उपाय सतही हैं. एनवायरोकैटालिस्ट्स के सुनील दहिया ने कहा कि वाहनों, उद्योगों और कचरे से होने वाले उत्सर्जन को स्रोत पर कम करना जरूरी है.