'सत्यमेव जयते!', गिरफ्तारी के बाद पहली बार बोले अनंत सिंह, बिहार में राजनीतिक भूचाल

अनंत सिंह ने गिरफ्तारी के बाद सोशल मीडिया पर वीडियो शेयर कर जनता पर भरोसा जताया. यह घटना पहले चरण के मतदान से ठीक चार दिन पहले घटी, जिससे राजनीतिक तनाव बढ़ गया.

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Courtesy: X (@KraantiKumar)

पटना: बिहार विधानसभा चुनावों के बीच मोकामा सीट पर बड़ा हड़कंप मच गया है. जनता दल (यूनाइटेड) के उम्मीदवार अनंत सिंह को जन सुराज कार्यकर्ता दुलारचंद यादव की हत्या के मामले में गिरफ्तार कर लिया गया. पुलिस ने शनिवार-रविवार की दरम्यानी रात को अभियान चलाकर सिंह को उनके दो साथियों मणिकांत ठाकुर और रंजीत राम के साथ पकड़ा. पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में गोली न लगने का खुलासा हुआ, लेकिन फेफड़े फटने और पसलियां टूटने से मौत की पुष्टि हुई. 

अनंत सिंह ने गिरफ्तारी के बाद सोशल मीडिया पर वीडियो शेयर कर जनता पर भरोसा जताया. यह घटना पहले चरण के मतदान से ठीक चार दिन पहले घटी, जिससे राजनीतिक तनाव बढ़ गया. मोकामा के आसपास का इलाका हमेशा से ही बाहुबलियों का गढ़ रहा है, लेकिन शनिवार की देर रात यह इलाका पुलिस की गतिविधियों से गूंज उठा. 

पुलिस ने आधी रात की कार्रवाई

पटना एसएसपी कर्तिकेय शर्मा के नेतृत्व में करीब 150 पुलिसकर्मियों की टीम ने बाढ़ जिले के बेढ़ना गांव में अनंत सिंह के आवास पर धावा बोला. सिंह, जो 'छोटे सरकार' के नाम से मशहूर हैं, वहां मौजूद थे. उनके दो करीबी सहयोगी मणिकांत ठाकुर और रंजीत राम को भी हिरासत में लिया गया.

पुलिस ने कहा कि यह कार्रवाई प्रत्यक्षदर्शियों के बयानों और सबूतों के आधार पर हुई. अनंत सिंह को तुरंत पटना ले जाया गया, जहां पूछताछ जारी है. स्थानीय लोग इस गिरफ्तारी को देखकर हैरान हैं, क्योंकि सिंह का इलाके पर पुराना दबदबा है. रविवार की सुबह-सुबह अनंत सिंह का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया. गिरफ्तारी के कुछ घंटों बाद ही पुलिस हिरासत में ले जाते हुए रिकॉर्ड किया गया यह वीडियो फेसबुक पर शेयर किया गया. 

बिहार की सियासत में नया मोड़

वीडियो में सिंह सत्यमेव जयते! कहते नजर आएं. उन्होंने आगे कहा कि  मुझे मोकामा की जनता पर पूरा भरोसा है. इसलिए अब मोकामा की जनता ही यह चुनाव लड़ेगी! उनका चेहरा शांत था, लेकिन आवाज में दृढ़ता झलक रही थी. समर्थकों का मानना है कि यह संदेश राजनीतिक साजिश के खिलाफ एक चुनौती है. वीडियो ने सोशल मीडिया पर बहस छेड़ दी, जहां कुछ इसे प्रेरणादायक बता रहे हैं तो कुछ इसे चुनावी ड्रामा. यह संदेश बिहार की सियासत में नया मोड़ ला सकता है. 

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