नई दिल्ली: बंगाल की खाड़ी में उठा चक्रवात मोन्था मंगलवार देर रात आंध्र प्रदेश और ओडिशा के तटों पर दस्तक दे सकता है. यह तूफान 90-110 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार वाली हवाओं के साथ तेजी से बढ़ रहा है. रविवार देर रात यह काकीनाडा से 830 किलोमीटर और गोपालपुर से 930 किलोमीटर दूर था. दोनों राज्यों ने खतरे को देखते हुए सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी है. सेना और एनडीआरएफ की टीमें अलर्ट पर हैं.
आंध्र प्रदेश के पांच जिले काकीनाडा, पूर्वी गोदावरी, कोनासीमा, एलुरु और पश्चिमी गोदावरी हाई अलर्ट पर हैं. अधिकारियों ने संवेदनशील इलाकों से लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाना शुरू कर दिया है. काकीनाडा में होप द्वीप के निवासियों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया गया है. भारी बारिश की आशंका के चलते 27 से 31 अक्टूबर तक स्कूल बंद रहेंगे.
मिल रही जानकारी के मुताबिक तट के पास 34 गांवों के 6,000 से अधिक लोगों के लिए आश्रय स्थल तैयार किए गए हैं. इसके अलावा, 428 गर्भवती महिलाओं को स्वास्थ्य केंद्रों में स्थानांतरित किया गया है. एनडीआरएफ की टीमें और अर्थ मूवर्स भी तैनात हैं. पश्चिम गोदावरी में 27 और 28 अक्टूबर को स्कूल-कॉलेज बंद रहेंगे.
समुद्र तटों और रिसॉर्ट्स पर सभी गतिविधियां स्थगित कर दी गई हैं. एलुरु में भी स्कूल बंद करने का आदेश जारी हुआ है. दूरसंचार कंपनियों को मोबाइल टावरों के लिए जनरेटर तैयार रखने के निर्देश दिए गए हैं. जर्जर इमारतों और निचले इलाकों में रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया गया है.
ओडिशा में आठ जिलों मलकानगिरी, कोरापुट, नबरंगपुर, रायगढ़ा, गजपति, गंजम, कंधमाल और कालाहांडी को रेड ज़ोन घोषित किया गया है. आपदा प्रबंधन मंत्री सुरेश पुजारी ने बताया कि इन जिलों में मंगलवार और बुधवार को भारी बारिश और तूफान का सबसे ज्यादा असर हो सकता है. अधिकारियों ने जिलाधिकारियों के साथ बैठक कर तैयारियों का जायजा लिया.
एनडीआरएफ और अन्य बचाव दलों को हाई अलर्ट पर रखा गया है. दोनों राज्यों में मछुआरों से समुद्र में न जाने की अपील की गई है. लोगों को सुरक्षित स्थानों पर रहने और आपातकालीन नंबरों पर संपर्क करने की सलाह दी गई है. सरकार ने बिजली, पानी और चिकित्सा सेवाओं को सुचारू रखने के लिए विशेष इंतजाम किए हैं.