Zubeen Garg: मशहूर असमिया गायक जुबीन गर्ग को श्रद्धांजलि देने के लिए लाखों प्रशंसक सरुसजाई स्टेडियम में उमड़ पड़े. सोमवार को दूसरे दिन भी लोगों ने अपने प्रिय गायक को अंतिम विदाई दी. 52 वर्षीय जुबीन गर्ग का 19 सितंबर को सिंगापुर में निधन हो गया था. उनकी मृत्यु ने पूर्वोत्तर भारत में शोक की लहर दौड़ा दी है.
जुबीन गर्ग सिंगापुर में पूर्वोत्तर भारत महोत्सव में हिस्सा लेने गए थे. वहां तैरते समय बिना लाइफ जैकेट के उनकी मृत्यु हो गई. संदेह है कि मिर्गी का दौरा उनकी मृत्यु का कारण हो सकता है. गर्ग को पिछले पांच साल से मिर्गी के दौरे पड़ रहे थे. सिंगापुर अधिकारियों ने प्रारंभिक पोस्टमार्टम के बाद उनका शव सहयोगियों को सौंपा.
सरुसजाई स्टेडियम में गर्ग के पार्थिव शरीर को कांच के ताबूत में रखा गया, जिस पर पारंपरिक असमिया गामोसा लपेटा गया. प्रशंसकों की लंबी कतारें लगीं, जो अपने प्रिय गायक को अंतिम दर्शन करना चाहते थे. लोगों ने फूल और गमछे चढ़ाए, जबकि कई ने उनके लोकप्रिय गीत गाए. भीषण गर्मी के बावजूद प्रशंसकों का उत्साह कम नहीं हुआ. चिकित्सा दल मौके पर मौजूद था. गर्ग के चार पालतू कुत्तों ने भी उन्हें अंतिम विदाई दी. जुबीन गर्ग का अंतिम संस्कार मंगलवार, 23 सितंबर को गुवाहाटी के सोनापुर में कमरकुची श्मशान घाट पर सुबह 10 बजे होगा. यह पूरे राजकीय सम्मान के साथ किया जाएगा. असम पुलिस के जवान उनके पार्थिव शरीर को राष्ट्रीय राजमार्ग पर कंधा देंगे. उन्हें तोपों की सलामी भी दी जाएगी. अंतिम यात्रा सुबह 7:30 बजे अर्जुन भोगेश्वर बरुआ स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स से शुरू होगी. गर्ग के परिवार के 85 सदस्य और करीबी सहयोगी मौजूद रहेंगे. उनकी अस्थियां जोरहाट में विसर्जित की जाएंगी.
असम सरकार ने गर्ग की मृत्यु की वजह स्पष्ट करने के लिए दूसरा पोस्टमार्टम कराने का फैसला किया है. यह मंगलवार को गुवाहाटी मेडिकल कॉलेज में एम्स-गुवाहाटी के डॉक्टरों की निगरानी में होगा. मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि इससे किसी भी गड़बड़ी की आशंका को दूर किया जाएगा. सिंगापुर उच्चायोग के अनुसार, गर्ग की मृत्यु का कारण डूबना बताया गया है. रविवार को प्रशंसकों ने जोरहाट में गर्ग के शव को लाने की मांग को लेकर राष्ट्रीय राजमार्ग जाम कर दिया था. मुख्यमंत्री सरमा ने उनकी भावनाओं का सम्मान करते हुए अस्थियां जोरहाट में विसर्जित करने का निर्णय लिया. गर्ग के सम्मान में मंगलवार को असम के सभी शैक्षणिक संस्थान और कामरूप जिले के सरकारी कार्यालय बंद रहेंगे. असम के राज्यपाल लक्ष्मण प्रसाद आचार्य, गायक पापोन और भूटान नरेश के प्रतिनिधि ने भी गर्ग को श्रद्धांजलि दी. जुबीन गर्ग की मृत्यु ने असम की सांस्कृतिक धरोहर को अपूरणीय क्षति पहुंचाई है. उनके गीत हमेशा प्रशंसकों के दिलों में जिंदा रहेंगे.