Sonam Wangchuk: सामाजिक कार्यकर्ता और शिक्षाविद् सोनम वांगचुक को बड़ा झटका लगा है. गृह मंत्रालय ने गुरुवार को उनके संगठन, लद्दाख के छात्र शैक्षिक और सांस्कृतिक आंदोलन (SECMOL) का FCRA पंजीकरण रद्द कर दिया. मंत्रालय ने विदेशी अंशदान विनियमन अधिनियम (FCRA), 2010 के उल्लंघनों का हवाला दिया. इस फैसले से संगठन की विदेशी फंडिंग पर रोक लग जाएगी.
गृह मंत्रालय ने SECMOL पर कई नियमों के उल्लंघन का आरोप लगाया. केंद्रीय जाँच ब्यूरो (CBI) ने संगठन के खिलाफ FCRA नियमों की अवहेलना की जांच शुरू की थी. जांच में विदेशी फंड के दुरुपयोग और नियमों की अनदेखी के संकेत मिले. मंत्रालय ने इसे गंभीरता से लिया और कड़ा कदम उठाया.
20 अगस्त को मंत्रालय ने SECMOL को कारण बताओ नोटिस जारी किया था. संगठन को अपने खिलाफ लगे आरोपों का जवाब देने के लिए समय दिया गया. SECMOL ने 19 सितंबर को जवाब दाखिल किया. लेकिन मंत्रालय ने इसे असंतोषजनक माना. इसके बाद पंजीकरण रद्द करने का निर्णय लिया गया. SECMOL लद्दाख में शिक्षा और संस्कृति को बढ़ावा देने वाला प्रमुख संगठन है. सोनम वांगचुक ने इसकी स्थापना 1988 में की थी. संगठन ने दूरदराज के क्षेत्रों में शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने में अहम भूमिका निभाई. पर्यावरण संरक्षण और स्थानीय संस्कृति को बढ़ावा देने में भी इसका योगदान रहा. FCRA पंजीकरण रद्द होने से इसके कामकाज पर असर पड़ सकता है.
सोनम वांगचुक ने इस फैसले पर अभी कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया. लेकिन उनके समर्थकों का कहना है कि यह कदम लद्दाख के शैक्षिक विकास को नुकसान पहुँचाएगा. कुछ ने इसे सरकार की सख्त नीतियों का परिणाम बताया. वांगचुक पहले भी पर्यावरण और शिक्षा से जुड़े मुद्दों पर सरकार से असहमति जता चुके हैं. FCRA पंजीकरण रद्द होने से SECMOL को विदेशी फंडिंग मिलना बंद हो जाएगा. इससे संगठन के कई प्रोजेक्ट्स पर असर पड़ सकता है. विशेषज्ञों का कहना है कि संगठन को अब स्थानीय संसाधनों पर निर्भर होना पड़ेगा. यह लद्दाख जैसे क्षेत्र में चुनौतीपूर्ण हो सकता है.
FCRA, 2010 के तहत गैर-सरकारी संगठनों को विदेशी फंडिंग के लिए पंजीकरण कराना जरूरी है. नियमों का पालन न करने पर पंजीकरण रद्द किया जा सकता है. हाल के वर्षों में कई NGOs का पंजीकरण इसी तरह रद्द हुआ है. सरकार का कहना है कि यह कदम पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करता है. SECMOL का काम लद्दाख के युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत रहा है. इस फैसले से स्थानीय समुदाय चिंतित है. कई लोग मानते हैं कि संगठन का योगदान अनमोल है. अब संगठन को नई रणनीति बनानी होगी.