Brahmaputra Building: नई दिल्ली के बीडी मार्ग पर स्थित ब्रह्मपुत्र भवन में शनिवार दोपहर लगी भीषण आग ने न केवल लोगों को दहशत में डाला, बल्कि यह घटना अब राजनीतिक विवाद का केंद्र बन गई है. विपक्षी नेताओं ने दिल्ली की भाजपा सरकार पर अग्नि सुरक्षा और प्रशासनिक लापरवाही के गंभीर आरोप लगाए हैं. इस घटना ने राजधानी में सुरक्षा व्यवस्था की खामियों को उजागर किया है.
ब्रह्मपुत्र भवन के स्टाफ क्वार्टर ब्लॉक में शनिवार दोपहर करीब 1:15 बजे आग लग गई. आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय के अनुसार, आग का कारण आसपास के बच्चों द्वारा पटाखे जलाना बताया गया. आग बेकार फर्नीचर के ढेर में लगी, जो निपटान के लिए रखा गया था. दिल्ली अग्निशमन सेवा और सीपीडब्ल्यूडी अधिकारियों ने त्वरित कार्रवाई करते हुए दोपहर 1:45 बजे तक आग पर काबू पा लिया. किसी हताहत की कोई खबर नहीं है. मंत्रालय ने दावा किया कि इमारत की अग्निशमन प्रणालियाँ चालू थीं और उनका प्रभावी उपयोग किया गया.
आग की घटना के बाद विपक्षी नेताओं ने भाजपा सरकार पर तीखा हमला बोला. टीएमसी सांसद साकेत गोखले, जो इस इमारत में रहते हैं, ने इसे भयावह अनुभव करार दिया. उन्होंने कहा कि बिल्डिंग के फायर सिस्टम में पानी नहीं था और फायर अलार्म खराब था. गोखले ने बताया कि पास के तीन दमकल केंद्रों ने कॉल का जवाब नहीं दिया. पहली दमकल गाड़ी 25 मिनट बाद पहुँची, जबकि एम्बुलेंस को आने में एक घंटा लगा. उन्होंने यह भी खुलासा किया कि एम्बुलेंस में प्राथमिक उपचार किट तक नहीं थी. गोखले ने कहा कि आठ कर्मचारियों के घर पूरी तरह जल गए, जिससे उनका सब कुछ नष्ट हो गया.
आम आदमी पार्टी (आप) के नेता और पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इस घटना को दिल्ली में बिगड़ते हालात का प्रतीक बताया. उन्होंने एक्स पर लिखा कि छह महीने में सब कुछ बर्बाद कर दिया. केजरीवाल ने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार ने दिल्ली को अराजकता की ओर धकेल दिया है. उन्होंने कहा कि पहले दिल्ली में विश्वस्तरीय स्कूल, बेहतर अस्पताल, साफ पानी और मुफ्त बिजली थी, लेकिन अब टूटी सड़कें, कूड़े के ढेर और ओवरफ्लो सीवर शहर की पहचान बन गए हैं. केजरीवाल ने यह भी दावा किया कि लोगों पर भारी बिजली और पानी के बिल थोपे जा रहे हैं, जबकि कई इलाकों में पानी की आपूर्ति ठप है. केजरीवाल ने कहा कि लोगों ने भाजपा को एकजुट शासन की उम्मीद में वोट दिया था, लेकिन छह महीने में ही स्थिति बदतर हो गई. उन्होंने आप की राजनीति को सेवा पर आधारित बताया, न कि सत्ता पर. इस घटना ने दिल्ली में अग्नि सुरक्षा और आपातकालीन सेवाओं की स्थिति पर गंभीर सवाल उठाए हैं.