नई दिल्ली: दिल्ली की हवा दिन-प्रतिदिन और भी जहरीली होती जा रही है. दिल्ली के कई इलाकों का एक्यूआई रविवार को खराब श्रेणी में रहा. हालांकि अभी और भी ज्यादा हवा की हालात गंभीर होने की उम्मीद है. ठंड बढ़ने के साथ पराली जलने की घटना में बढ़ोतरी होगी. जिसकी वजह से आने वाले दिनों में हवाओं में और भी ज्यादा जहर घुल जाएगा.
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने अपना दैनिक बुलेटिन जारी किया है. जिसमें कम से कम पांच अलग स्टेशनों ने वायु गुणवत्ता सूचकांक को गंभीर श्रेणी में दिखाया. केंद्र की वायु गुणवत्ता प्रारंभिक चेतावनी प्रणाली ने अपने दैनिक बुलेटिन में कहा कि रविवार से सोमवार तक दिल्ली की वायु गुणवत्ता 'बेहद खराब' श्रेणी में रहने की संभावना है. वहीं मंगलवार को वायु गुणवत्ता 'गंभीर' श्रेणी में रहने की संभावना है और बुधवार को एक बार फिर 'बेहद खराब' हो जाएगी.
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड वायु गुणवत्ता सूचकांक को अलग श्रेणियों में बांटता है. शून्य से पचास के बीच अच्छा, इक्यावन से सौ के बीच संतोषजनक, एक सौ एक से दो सौ के बीच मध्यम, दो सौ एक से तीन सौ के बीच खराब, तीन सौ एक से चार सौ के बीच बहुत खराब और चार सौ से ऊपर गंभीर माना जाता है. इस साल अब तक दिल्ली में कोई गंभीर वायु दिवस नहीं आया. पिछली बार तेईस दिसंबर दो हजार चौबीस को वायु गुणवत्ता सूचकांक चार सौ छह दर्ज हुआ था. लंबे समय के रुझान दिखाते हैं कि दिल्ली अब साल के सबसे ज्यादा प्रदूषण वाले दिनों में प्रवेश कर चुकी है.
बोर्ड के आंकड़ों से रविवार शाम चार बजे पता चला कि दिल्ली में रविवार को तैंतीस सक्रिय स्टेशनों में से पांच गंभीर श्रेणी में थे. इनमें बुराड़ी चार सौ चार, चांदनी चौक चार सौ चार, आरके पुरम चार सौ एक, विवेक विहार चार सौ दो और वजीरपुर चार सौ अठारह रहा. वहीं अन्य तीस बहुत खराब श्रेणी में थे. स्काईमेट मौसम विज्ञान के उपाध्यक्ष महेश पलावत ने बताया कि वातावरण की स्थिति प्रदूषकों के फैलने के खिलाफ थी, इससे प्रदूषण धीरे धीरे जमा हो रहा था.
4 और 5 नवंबर को पश्चिमी विक्षोभ का असर होगा. हालांकि बारिश होने की संभावना नहीं है अगर ऐसा होने से हवा साफ भी होता. इसका असर पहाड़ों पर पड़ेगा. दिल्ली में बस कुछ बादल छाए रहेंगे. दिल्ली का न्यूनतम तापमान 16.8 सेल्सियस रहा, यह सामान्य से दो डिग्री ज्यादा है. अधिकतम तापमान 30.7 सेल्सियस के करीब रहा.