Chandra Grahan 2025: आज यानी 7 सितंबर को साल का दूसरा और अंतिम चंद्र ग्रहण होगा. चंद्र ग्रहण रात 9:58 बजे से शुरू होकर 1:28 बजे तक रहेगा. वैदिक ज्योतिष में चंद्र ग्रहण को अशुभ माना जाता है. ऐसा माना जाता है कि यह ब्रह्मांड में नकारात्मक ऊर्जा को सक्रिय करता है. खासकर गर्भवती महिलाओं को इस दौरान विशेष सावधानी बरतने की सलाह दी जाती है, ताकि मां और शिशु दोनों सुरक्षित रहें.
चंद्र ग्रहण के प्रभाव से बचने के लिए गर्भवती महिलाओं को कुछ उपाय करने चाहिए. ग्रहण शुरू होने से पहले दरवाजा और खिड़की बंद रखने की सलाह दी जाती है. इससे हानिकारक किरणों का प्रभाव कम हो सकता है. ग्रहण के दौरान ध्यान और मंत्र जाप करना लाभकारी है. यह नकारात्मक ऊर्जा से सुरक्षा देता है. ग्रहण से पहले और बाद में स्नान करना भी जरूरी है. मंत्रों या स्तोत्रों का जाप करने से मानसिक शांति मिलती है. सात्विक विचारों के साथ समय बिताएँ.
चंद्र ग्रहण के दौरान प्रेग्नेंट महिलाओं को घर से नहीं निकलने की सलाह दी जाती है. मान्यता है कि इस समय हानिकारक किरणें शिशु को नुकसान पहुंचा सकती हैं. नुकीली वस्तुओं जैसे चाकू, कैंची या सुई का उपयोग न करें. धातु के आभूषण, जैसे चूड़ियां, पिन या सेफ्टी पिन, पहनने से बचें. ग्रहण के दौरान सोना भी वर्जित है, हालांकि आराम किया जा सकता है. इन सावधानियों से गर्भस्थ शिशु की सुरक्षा सुनिश्चित होती है. ग्रहण के दौरान सामान्य रूप से खाने की मनाही होती है. लेकिन गर्भवती महिलाओं के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए कुछ छूट दी गई है. इस दौरान ताजे फल, सात्विक भोजन और जरूरी दवाएं ली जा सकती हैं. भारी या तामसिक भोजन से बचें. पर्याप्त पानी पीकर शरीर को हाइड्रेट रखें.
वैदिक ज्योतिष में चंद्र ग्रहण को नकारात्मक ऊर्जा का प्रतीक माना जाता है. यह गर्भवती महिलाओं और उनके शिशु पर प्रभाव डाल सकता है. वैज्ञानिक रूप से भी ग्रहण के दौरान वातावरण में बदलाव होते हैं, जो संवेदनशील व्यक्तियों को प्रभावित कर सकते हैं. इसलिए, प्राचीन परंपराओं और आधुनिक सलाह को मिलाकर सावधानी बरतना जरूरी है. सूतक काल और ग्रहण के दौरान बताए गए नियमों का पालन करें. मंत्र जाप, सात्विक भोजन और घर में रहकर इस समय को सुरक्षित बनाएं. इससे मां और शिशु दोनों की सुरक्षा सुनिश्चित होगी.