Chandrayaan-3: भारत आज अंतरिक्ष की दुनिया में बड़ा इतिहास रचने के लिए पूरी तरह से तैयार है. ISRO (भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन) के तीसरे चंद्र मिशन के अधीन चंद्रयान-3 का एलएम (लैंडर मॉड्यूल) आज शाम 6.04 मिनट पर चंद्रमा की दक्षिणी ध्रुव पर उतरेगा. चंद्रयान-3 के चंद्रमा पर पहुंचते ही भारत देश इतिहास रच देगा. चंद्र की सतह पर अब तक पूर्व सोवियत संघ, अमेरिका, चीन, सॉफ्ट लैंडिंग करने में सफल तो रहे हैं, लेकिन इसके दक्षिणी ध्रुवीय क्षेत्र पर किसी ने कदम नहीं रखा है. चंद्रयान-2 के बाद चंद्रयान-3 का ये मिशन चंद्रमा की सतह पर सुरक्षित तरीके से सॉफ्ट-लैंडिंग, विचरण और वैज्ञानिक प्रयोग करना है.
साल 2019 में 7 सितंबर को चंद्रयान-2 मिशन चंद्रमा पर उतरने के दरमियान उस वक्त फेल हो गया था. क्योंकि उसका लैंडर विक्रम ब्रेक में गड़बड़ी होने की वजह से चंद्रमा की सतह से टकरा गया था. वहीं चंद्रयान-1 की बात की जाए तो, ये साल 2008 में भारत ने लांन्च किया था.
भारत 600 करोड़ रुपये की लागत वाले एलवीएम3 (लॉन्च व्हीकल मार्क-3) की सहायता से बीते 14 जुलाई को तीसरे चंद्र मिशन यानि चंद्रयान-3 का प्रक्षेपण ISRO (भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन) ने किया था. उन्होंने बताया कि लगातार 41 दिन की यात्रा करने के बाद चंद्रयान-3 चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुवीय क्षेत्र पर सॉफ्ट लैंडिंग करने को तैयार है. जहां अब तक कोई भी देश पहुंच नहीं पाया है.
रूस की बात करें तो चंद्रयान-3 की सॉफ्ट लैंडिंग से कुछ दिन पहले ही चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव उतरने में पीछे छूट गया था. क्योंकि उसका रोबोट लैंडर चंद्रमा की सतह पर क्षतिग्रस्त हो गया था.
इसरो ने बीते दिन 22 अगस्त को बताया कि चंद्रयान-3 मिशन निर्धारित कार्यक्रम के मुताबिक लगातार आगे बढ़ रहा है. वहीं अंतरिक्ष एजेंसी ने बताया कि इसरो टेलीमेट्री,कमांड नेटवर्क, ट्रैकिंग में अवस्थित है. मिशन ऑपरेशंस कॉम्प्लेक्स में खुशी का वातावरण है. उन्होंने बताया कि आईएसटीआरएसी एंव एमओएक्स से चंद्रयान-3 के चंद्रमा की सतह पर सॉफ्ट-लैंडिंग का सीधा प्रसारण 5 बजकर 20 मिनट पर इसकी शुरूआत कर दी जाएगी. जिसके बाद लैंडर मॉड्यूल चंद्रमा की सतह के दक्षिण ध्रुवी क्षेत्र पर 6 बजकर 4 मिनट पर उतरेगा.