प्रवर्तन निदेशालय ने गुरुवार को रिलायंस समूह के अध्यक्ष अनिल अंबानी को बैंक धोखाधड़ी और धन शोधन के मामले में पूछताछ के लिए तलब किया है. उन्हें चौदह नवंबर को एजेंसी के सामने पेश होना होगा.
सूत्रों के अनुसार यह पूछताछ भारतीय स्टेट बैंक में हुए कथित ऋण धोखाधड़ी से जुड़ी है. इससे पहले अगस्त महीने में भी उनसे पूछताछ हो चुकी है. यह मामला रिलायंस कम्युनिकेशंस लिमिटेड से संबंधित है.
एजेंसी ने हाल में अंबानी की कंपनियों की सात हजार पांच सौ करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति कुर्क की है. कुर्क की गई संपत्तियों में मुंबई के पाली हिल इलाके में अनिल अंबानी का पारिवारिक घर भी शामिल है. इसके अलावा उनकी समूह कंपनियों की कई आवासीय और व्यावसायिक संपत्तियां भी जब्त की गई हैं.
तीस अक्टूबर को प्रवर्तन निदेशालय ने चार अलग अनंतिम आदेश जारी किए. इनसे कुल बयालीस संपत्तियां कुर्क हुईं. इनमें अनिल अंबानी का मुंबई स्थित घर और समूह की अन्य संपत्तियां हैं. यह कदम जांच को आगे बढ़ाने के लिए उठाया गया है. एजेंसी का मानना है कि ये संपत्तियां धोखाधड़ी से कमाए धन से जुड़ी हैं.
एजेंसी ने सोमवार को पांचवां आदेश जारी किया. इससे महाराष्ट्र के नवी मुंबई में स्थित धीरूभाई अंबानी नॉलेज सिटी की जमीन कुर्क हुई. यह जमीन रिलायंस कम्युनिकेशंस की है और इसका मूल्य चार हजार चार सौ बासठ करोड़ रुपये है. कुल मिलाकर यह जमीन बत्तीस एकड़ में फैली हुई है. यह संपत्ति भी बैंक धोखाधड़ी मामले से जुड़ी बताई जा रही है.
रिलायंस समूह ने कहा है कि संपत्ति कुर्की से व्यावसायिक संचालन पर कोई असर नहीं पड़ा है. समूह की सूचीबद्ध कंपनियां सामान्य रूप से काम कर रही हैं. कुर्क की गई ज्यादातर संपत्तियां रिलायंस कम्युनिकेशंस की हैं. यह कंपनी समाधान पेशेवर और भारतीय स्टेट बैंक के नेतृत्व वाली लेनदारों की समिति के नियंत्रण में है. समूह ने स्टॉक एक्सचेंज को यह जानकारी दी है. यह पूरा मामला रिलायंस कम्युनिकेशंस लिमिटेड से जुड़ा है.
कंपनी पर बैंक ऋण धोखाधड़ी का आरोप है. प्रवर्तन निदेशालय धन शोधन निवारण अधिनियम के तहत जांच कर रहा है. इससे पहले भी एजेंसी ने कई कदम उठाए हैं. अनिल अंबानी की उम्र छियासठ वर्ष है और वे रिलायंस ग्रुप के प्रमुख हैं. यह जांच लंबे समय से चल रही है. अनिल अंबानी से चौदह नवंबर को पूछताछ करेगी. एजेंसी को उम्मीद है कि इससे मामले में नई जानकारी मिलेगी. संपत्ति कुर्की से जांच को मजबूती मिली है. रिलायंस ग्रुप का कहना है कि वे सभी कानूनी प्रक्रियाओं का पालन कर रहे हैं.