चुनाव आयोग आज प्रेस कॉन्फ्रेंस को करेगा संबोधित, देश भर में SIR का होगा ऐलान

भारतीय चुनाव आयोग आज शाम एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करने वाली है. जिसमें देश भर में SIR का ऐलान किया जाएगा. इस दौरान बताया जाएगा कि पहला चरण कहां से शुरू होगा.

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नई दिल्ली: भारत का चुनाव आयोग (ईसी) आज शाम 4:15 बजे एक प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित करने जा रहा है. इसमें अखिल भारतीय विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) कार्यक्रम की घोषणा होगी. यह अभियान मतदाता सूचियों को अपडेट करने और सटीक बनाने के लिए शुरू किया जा रहा है. पहले चरण में 10 से 15 राज्यों को शामिल किया जाएगा, जिनमें 2026 में विधानसभा चुनाव वाले राज्य प्राथमिकता पर होंगे.

चुनाव आयोग ने स्पष्ट किया है कि एसआईआर का पहला चरण उन राज्यों पर केंद्रित होगा, जहां 2026 में विधानसभा चुनाव होने हैं. इनमें तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल, केरल, असम और पुडुचेरी जैसे राज्य शामिल हैं. सूत्रों के मुताबिक, जहां स्थानीय निकाय चुनाव चल रहे हैं, वहां यह प्रक्रिया स्थगित की जाएगी. इसका कारण चुनाव मशीनरी की व्यस्तता है.

संसोधित मतदाता सूची ऑनलाइन उपलब्ध

बिहार ने हाल ही में अपनी मतदाता सूची को अपडेट किया है. वहां 30 सितंबर तक 7.42 करोड़ मतदाताओं की अंतिम सूची प्रकाशित हो चुकी है. बिहार में 6 और 11 नवंबर को दो चरणों में विधानसभा चुनाव होंगे, जिनके परिणाम 14 नवंबर को आएंगे. चुनाव आयोग ने इस अभियान को अंतिम रूप देने के लिए राज्यों के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों (सीईओ) के साथ दो बैठकें की हैं. कई राज्यों ने पहले के संशोधनों वाली मतदाता सूचियां ऑनलाइन उपलब्ध कराई हैं. दिल्ली में आखिरी एसआईआर 2008 में हुआ था, जबकि उत्तराखंड में 2006 में. अधिकांश राज्यों ने 2002 से 2004 के बीच यह प्रक्रिया पूरी की थी. ये पुराने रिकॉर्ड वर्तमान मतदाता सूचियों को अपडेट करने में मदद करेंगे.

अवैध प्रवासियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई 

एसआईआर का मुख्य उद्देश्य मतदाता सूचियों से अवैध विदेशी प्रवासियों को हटाना है. इसके लिए मतदाताओं के जन्म स्थान का सत्यापन किया जाएगा. बांग्लादेश और म्यांमार जैसे देशों से आए बिना दस्तावेज़ वाले प्रवासियों के खिलाफ कार्रवाई के बीच यह कदम बहुत महत्वपूर्ण है. चुनाव आयोग का लक्ष्य साफ और सटीक मतदाता सूची तैयार करना है. यह अभियान हाल के वर्षों में चुनाव आयोग का सबसे बड़ा मतदाता सत्यापन कार्यक्रम है. चरणबद्ध तरीके से काम करके और पहले चुनावी राज्यों पर ध्यान देकर, आयोग यह सुनिश्चित करना चाहता है कि महत्वपूर्ण चुनावों से पहले मतदाता सूचियाँ पूरी तरह सटीक हों. यह प्रक्रिया न केवल मतदाताओं का विश्वास बढ़ाएगी, बल्कि चुनावी प्रक्रिया को और पारदर्शी बनाएगी.

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