भारत के पूर्वी हिस्से में 2,520 किलोमीटर लंबे कॉरिडोर में बड़े स्तर पर NOTAM (नोटिस टू एयरमेन) जारी किया गया है. यह कॉरिडोर ओडिशा के एपीजे अब्दुल कलाम द्वीप से शुरू होकर बंगाल की खाड़ी के एक बड़े हिस्से तक फैला है. यह नोटिफिकेशन 17 दिसंबर से 20 दिसंबर तक प्रभावी रहेगा. अधिकारियों के अनुसार, इस अवधि में एयरस्पेस को विशेष सुरक्षा कारणों से खाली रखने की आवश्यकता बताई गई है.
सूत्रों के मुताबिक, यह NOTAM मिसाइल परीक्षण से संबंधित हो सकता है, हालांकि सरकार या रक्षा प्रतिष्ठान की ओर से इसकी औपचारिक पुष्टि नहीं की गई है. यह कदम भारत द्वारा हाल ही में 6 से 8 दिसंबर के बीच बंगाल की खाड़ी के ऊपर 14,000 किलोमीटर क्षेत्र में नो-फ्लाई ज़ोन जारी करने के कुछ दिनों बाद उठाया गया है. उस समय भी संभावित सुपरसोनिक मिसाइल परीक्षण की बात सामने आई थी.
इससे पहले भारतीय वायुसेना ने बड़े सैन्य अभ्यास के लिए 23 से 25 जुलाई के बीच राजस्थान के रेगिस्तानी इलाके में NOTAM जारी किया था. यह क्षेत्र बाड़मेर से लेकर जोधपुर तक फैला हुआ था. अभ्यास का उद्देश्य रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण रेगिस्तानी क्षेत्र में युद्धक क्षमता को मजबूत करना था. यही इलाका ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तानी ड्रोन और मिसाइल घुसपैठ का सबसे बड़ा केंद्र रहा, हालांकि सुरक्षा बलों ने सभी खतरों को सफलतापूर्वक बेअसर कर दिया था.
NOTAM यानी नोटिस टू एयरमेन, विमानन क्षेत्र में जारी होने वाला एक आधिकारिक चेतावनी अलर्ट है. इसका उद्देश्य पायलटों, एयर ट्रैफिक कंट्रोलर और अन्य एविएशन कर्मियों को महत्वपूर्ण और समय-संवेदनशील जानकारी उपलब्ध कराना होता है. यह सीधे हवाई सुरक्षा और फ्लाइट ऑपरेशन से जुड़ा होता है.
जब भी किसी एयरपोर्ट, एयरस्पेस या एविएशन सुविधा से जुड़ा कोई अस्थायी बदलाव या खतरा मौजूद हो, NOTAM जारी किया जाता है. यह सूचना टेलीकम्युनिकेशन सिस्टम के माध्यम से तुरंत एयरलाइंस और एविएशन टीम तक पहुंचाई जाती है. इससे फ्लाइट प्लानिंग में आवश्यक बदलाव किए जा सकते हैं और यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित होती है.