Fake Embassy in Ghaziabad: उत्तर प्रदेश पुलिस ने एक मामले में बड़ा खुलासा किया है. पुलिस ने गाजियाबाद के कवि नगर में एक किराए के मकान से फर्जी दूतावास चलाने वाले का भंडाफोड़ किया है. यूपी पुलिस ने इस पूरे मामले के मुख्य आरोपी 47 वर्षीय हर्षवर्धन जैन को बुधवार को गिरफ्तार भी कर लिया.
पुलिस ने इस मामले की जानकारी देते हुए बताया कि जैन खुद को वेस्टआर्कटिका, सेबोर्गा, लाडोनिया और पोल्विया जैसे माइक्रोनेशनों का राजदूत बताता था. ये माइक्रोनेशन स्वयंभू संस्थाएं हैं, जिन्हें भारत सहित अधिकांश देश और संयुक्त राष्ट्र मान्यता नहीं देते.
यूपी पुलिस ने बताया कि जैन ने गाजियाबाद के एक आलीशान इलाके में किराए के मकान को फर्जी दूतावास में तब्दील कर लिया था. उसने वहां विभिन्न देशों के झंडे लगाए थे. उसकी चार लग्जरी कारों पर अवैध राजनयिक पंजीकरण प्लेटें भी लगी थीं. पुलिस ने छापेमारी के दौरान 44.7 लाख रुपये नकद, 30 लाख रुपये की विदेशी मुद्रा, 12 नकली पासपोर्ट, दो पैन कार्ड, 34 विदेशी टिकट, 12 प्रीमियम घड़ियां, एक लैपटॉप और एक मोबाइल फोन बरामद किए. इसके साथ ऑडी और मर्सिडीज जैसी महंगी कारें भी जब्त की गईं.
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक राज कुमार मिश्रा ने अपडेट देते हुए कहा कि जैन ने पूछताछ के दौरान कबूल किया कि वह व्यापारियों को ठगने और हवाला रैकेट चलाने के लिए फर्जी दूतावास का इस्तेमाल करता था. उसने बताया कि वह 2016 से गाजियाबाद में यह धोखाधड़ी चला रहा था. उसने बताया कि पहले वह यह काम अपने पिता के घर से करता था, लेकिन कुछ महीने पहले 1.8 लाख रुपये मासिक किराए पर एक मकान में शिफ्ट हुआ था. जैन ने दावा किया कि उसे 2012 में सेबोर्गा और 2016 में वेस्टआर्कटिका ने सलाहकार और मानद वाणिज्य दूत नियुक्त किया था.
यूपी-एसटीएफ को कवि नगर में फर्जी दूतावास की सूचना कई स्रोतों से मिली. सब-इंस्पेक्टर सचिन कुमार की शिकायत पर दर्ज एफआईआर में कहा गया कि जैन वीआईपी नंबर प्लेट वाली कारों में घूमता था और खुद को राजदूत बताकर लोगों को ठगता था. एक केंद्रीय एजेंसी की सूचना पर पुलिस ने कार्रवाई शुरू की. जांच में पता चला कि भारत के विदेश मंत्रालय की मंजूरी के बिना कोई दूतावास नहीं चल सकता. यह भारत की संप्रभुता के खिलाफ है. जैन को बुधवार को उत्तर प्रदेश की अदालत में पेश किया गया, जहां से उसे 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया. अब यह पता लगाया जा रहा है कि जैन ने कितने लोगों को ठगा और हवाला रैकेट में कितने पैसे का लेन-देन हुआ.