बेंगलुरु दक्षिण पुलिस ने एक बड़े खुलासे में एक गिग वर्कर की हत्या को सड़क दुर्घटना का रूप देने की कोशिश करने वाले एक दंपत्ति को गिरफ्तार किया है. यह घटना 25 अक्टूबर की रात को श्री राम मंदिर इलाके में हुई. पुलिस के अनुसार यह कोई सामान्य दुर्घटना नहीं बल्कि एक सोची समझी योजना थी. गिरफ्तार दंपत्ति में मनोज शर्मा और उनकी पत्नी आरती शामिल हैं.
मनोज एक शारीरिक शिक्षा शिक्षक हैं. पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज के आधार पर इस मामले की गहराई से जांच की और सच्चाई सामने लाई. घटना वाली रात करीब साढ़े ग्यारह बजे एक तेज रफ्तार कार ने दोपहिया वाहन को पीछे से जोरदार टक्कर मार दी. इस टक्कर से बाइक चला रहा गिग वर्कर दर्शन की मौके पर ही मौत हो गई. उसके पीछे बैठा दोस्त वरुण गंभीर रूप से घायल हो गया. शुरू में यह मामला जेपी नगर यातायात पुलिस स्टेशन में सामान्य दुर्घटना के रूप में दर्ज हुआ. लेकिन जांच आगे बढ़ी तो तस्वीर बदल गई.
पुलिस को सीसीटीवी फुटेज मिली जिसमें साफ दिख रहा था कि कार ने जानबूझकर बाइक का पीछा किया और फिर टक्कर मारी. यह कोई अचानक हुई घटना नहीं थी बल्कि पहले से तय किया गया कदम लगता था. डीसीपी दक्षिण लोकेश जगलासुर ने बताया कि सब कुछ कुछ मिनट पहले शुरू हुआ. दर्शन की बाइक कार से हल्की सी टकरा गई जिससे कार का साइड मिरर टूट गया. इस छोटी सी बात पर कार ड्राइवर गुस्से में आ गया.
उन्होंने कहा कि घटना से गुस्साए ड्राइवर ने अपनी गाड़ी पीछे की ओर मोड़ी दुपहिया वाहन का पीछा किया और जानबूझकर उसे पीछे से टक्कर मार दी. पुलिस की जांच से पता चला कि ड्राइवर ने गाड़ी घुमाई और तेज रफ्तार से बाइक के पीछे पड़ गया. यह पीछा कई मीटर तक चला और फिर जानलेवा टक्कर हुई. वरुण को अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां उसकी हालत स्थिर बताई जा रही है.
बेंगलूरु की घटना। कैसे पति-पत्नी ने डिलीवरी एजेंट को कुचल कर मार दिया।
— Narendra Nath Mishra (@iamnarendranath) October 29, 2025
दोनों अरेस्ट हो चुके हैं pic.twitter.com/bJ6EsdPgs9
घटना के बाद आरोपी दंपत्ति ने और भी चौंकाने वाला कदम उठाया. वे नकाब पहनकर घटनास्थल पर लौटे और कार के टूटे हुए हिस्सों को इकट्ठा करने लगे. पुलिस का मानना है कि उनका इरादा सबूत मिटाना था ताकि मामला दुर्घटना ही लगे. लेकिन सीसीटीवी कैमरों ने उनकी हर हरकत कैद कर ली. मनोज शर्मा और आरती को इसी आधार पर पकड़ा गया. पुलिस ने उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की और मामले को हत्या का दर्जा दिया.
इस पूरे खुलासे के बाद मामला भारतीय दंड संहिता की धारा 302 के तहत हत्या के रूप में बदल दिया गया. साथ ही सबूत मिटाने के आरोप भी जोड़े गए. दंपत्ति को गिरफ्तार कर अदालत में पेश किया गया जहां उन्हें रिमांड पर भेजा गया. डीसीपी ने कहा कि जांच अभी जारी है और सभी पहलुओं को खंगाला जा रहा है.