दिल्ली में क्लाउड सीडिंग का पहला परीक्षण सफल, जानें क्या है आगे की तैयारी?

दिल्ली सरकार ने वायु प्रदूषण से लड़ने के लिए बड़ा कदम उठाया है. आईआईटी-कानपुर के साथ मिलकर क्लाउड सीडिंग का पहला परीक्षण मंगलवार को किया गया.

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Courtesy: X (@iLeedy1987)

नई दिल्ली: दिल्ली सरकार ने वायु प्रदूषण से लड़ने के लिए बड़ा कदम उठाया है. आईआईटी-कानपुर के साथ मिलकर क्लाउड सीडिंग का पहला परीक्षण मंगलवार को किया गया. पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने यह जानकारी दी. परीक्षण में बुराड़ी, उत्तरी करोल बाग और मयूर विहार को कवर किया गया. 

सेसना विमान कानपुर से उड़ा और यह मेरठ हवाई अड्डे पर उतरा. रास्ते में आठ फायर फ्लेयर्स छोड़े गए. यह पूरा परीक्षण आधा घंटा चलता रहा. 

प्रदूषण कम करने की रणनीति का हिस्सा

आईआईटी-कानपुर के अनुसार परीक्षण के बाद 15 मिनट से चार घंटे में बारिश हो सकती है. मंत्री सिरसा ने कहा कि यह प्रदूषण कम करने का नया तरीका है. आज दूसरा परीक्षण बाहरी दिल्ली में होगा. अगले दिनों में नौ-दस परीक्षण प्लान हैं. सिरसा ने वीडियो बयान में बताया कि अगर परीक्षण सफल रहे, तो हम लंबी योजना बनाएंगे. यह सर्दियों में प्रदूषण कम करने की रणनीति का हिस्सा है. कृत्रिम वर्षा से धूल और प्रदूषक धुल जाएंगे. पिछले हफ्ते बुराड़ी के ऊपर टेस्ट फ्लाइट हुई थी. सिल्वर आयोडाइड और सोडियम क्लोराइड छोड़े गए, लेकिन नमी सिर्फ 20 प्रतिशत थी. जरूरी 50 प्रतिशत से कम होने से बारिश नहीं हुई.

गृह मंत्रालय समेत 10 विभागों से मंजूरी

25 सितंबर को आईआईटी-कानपुर के साथ एमओयू साइन हुआ. पांच परीक्षण उत्तर-पश्चिम दिल्ली में प्लान हैं. डीजीसीए ने 1 अक्टूबर से 30 नवंबर तक अनुमति दी. केंद्र के पर्यावरण, रक्षा, गृह मंत्रालय समेत 10 विभागों से मंजूरी ली गई. उत्तर प्रदेश सरकार और एयरपोर्ट अथॉरिटी भी शामिल हैं. दिल्ली कैबिनेट ने 7 मई को 3.21 करोड़ रुपये मंजूर किए. पांच परीक्षणों की योजना है. लेकिन खराब मौसम और मानसून से कई बार टाला गया. मई अंत, जून शुरू, अगस्त, सितंबर और अक्टूबर में देरी हुई. सरकार प्रदूषण से निपटने के लिए गंभीर है. क्लाउड सीडिंग सफल हुई तो दिल्ली की हवा साफ हो सकती है. नागरिकों को राहत मिलेगी. अगले परीक्षणों पर नजर रहेगी.

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