उत्तराखंड के चमोली में फटा बादल, पांच लोग लापता! बचाव कार्य जारी

उत्तराखंड के चमोली जिले के नंदानगर में गुरुवार तड़के बादल फटने से भारी तबाही मची. इस प्राकृतिक आपदा में कम से कम पांच लोग लापता हो गए. नंदानगर के कुंत्री वार्ड में सुबह करीब ढाई बजे बादल फटने से मलबे ने आधा दर्जन घरों को पूरी तरह नष्ट कर दिया.

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Courtesy: Social Media

Chamoli Cloudburst: उत्तराखंड के चमोली जिले के नंदानगर में गुरुवार तड़के बादल फटने से भारी तबाही मची. इस प्राकृतिक आपदा में कम से कम पांच लोग लापता हो गए. नंदानगर के कुंत्री वार्ड में सुबह करीब ढाई बजे बादल फटने से मलबे ने आधा दर्जन घरों को पूरी तरह नष्ट कर दिया. इलाके में दहशत का माहौल है. स्थानीय लोग डरे हुए हैं. प्रशासन ने राहत और बचाव कार्य शुरू कर दिए हैं.

जिला आपदा प्रबंधन केंद्र के अनुसार, घटना के समय सात लोग घरों में थे. इनमें से दो लोगों को सुरक्षित बचा लिया गया. बाकी पाँच लोग अभी भी लापता हैं. एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की टीमें मौके पर पहुँच गई हैं. तीन एम्बुलेंस और एक मेडिकल टीम भी राहत कार्य में जुटी है. मलबे में फंसे लोगों को निकालने के लिए युद्धस्तर पर प्रयास किए जा रहे हैं. चमोली के ज़िलाधिकारी संदीप तिवारी ने बताया, "नंदानगर के कुंत्री लंगाफली वार्ड में छह घर मलबे में दब गए. राहत और बचाव कार्य तेजी से चल रहे हैं."

मौसम विभाग ने जारी किया अलर्ट

नंदानगर क्षेत्र के धुर्मा गाँव में भी बादल फटने से भारी नुकसान हुआ. कई वाहन, दुकानें और घर मलबे की चपेट में आ गए. स्थानीय लोगों का कहना है कि अचानक आई इस आपदा ने सब कुछ तहस-नहस कर दिया. कई परिवारों ने अपने घर और सामान खो दिया.मौसम विभाग ने उत्तराखंड में अगले 20 घंटों के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है. भारी बारिश की चेतावनी दी गई है. प्रशासन ने लोगों से सतर्क रहने और सुरक्षित स्थानों पर रहने की अपील की है.उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस घटना पर दुख जताया. उन्होंने कहा कि वह स्थिति पर नजर रख रहे हैं. एक पोस्ट में धामी ने लिखा कि नंदानगर घाट क्षेत्र में भारी बारिश से हुए नुकसान का समाचार दुखद है. प्रशासन, एसडीआरएफ और पुलिस की टीमें राहत कार्य में जुटी हैं. मैं लगातार संपर्क में हूँ और स्थिति पर नजर रख रहा हूँ. ईश्वर से सभी की सुरक्षा की प्रार्थना करता हूँ.

राहत कार्य में जुटी प्रशासन 

जिला प्रशासन ने प्रभावित क्षेत्रों में राहत कार्य तेज कर दिए हैं. मलबे को हटाने और लापता लोगों की तलाश के लिए अतिरिक्त संसाधन जुटाए गए हैं. स्थानीय लोग भी प्रशासन का सहयोग कर रहे हैं.यह आपदा उत्तराखंड के लिए एक और चेतावनी है. बार-बार बादल फटने की घटनाएं चिंता का विषय बन रही हैं. प्रशासन और स्थानीय लोगों को मिलकर ऐसी आपदाओं से निपटने के लिए और बेहतर तैयारी की जरूरत है. फिलहाल, सभी की नजर राहत कार्यों और लापता लोगों की तलाश पर टिकी है.

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