दिल्ली - एनसीआर में बाढ़ का कहर! यमुना के आस-पास भरा पानी, लगातार बढ़ रहा जलस्तर

यमुना का पानी वासुदेव घाट और कश्मीरी गेट के पास श्री मरघट वाले हनुमान बाबा मंदिर तक पहुंच गया. कई इलाकों में घर जलमग्न हो गए, दुकानों का सामान बर्बाद हो गया और यातायात ठप हो गया. हजारों लोग प्रभावित हुए हैं. लोग गर्दन तक पानी में चलकर सुरक्षित स्थानों पर पहुंच रहे हैं.

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Courtesy: Social Media

Yamuna Flood: दिल्ली-एनसीआर में गुरुवार को बाढ़ का संकट और गहरा गया. हथिनीकुंड बैराज से भारी मात्रा में पानी छोड़े जाने के बाद यमुना नदी का जलस्तर पुराने रेलवे पुल पर सुबह 7 बजे 207.48 मीटर तक पहुंच गया. आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, सुबह 5 बजे जलस्तर 207.47 मीटर था, जो सुबह 6 बजे 207.48 मीटर पर स्थिर रहा. उफनती यमुना ने निचले इलाकों को जलमग्न कर दिया, जिससे जनजीवन और यातायात बुरी तरह प्रभावित हुआ. 

बाढ़ का पानी दिल्ली सचिवालय के नजदीक पहुंच गया है, जहां मुख्यमंत्री कार्यालय और शीर्ष नौकरशाहों के दफ्तर हैं. सचिवालय के सामने एक कमजोर दीवार से पानी रिस रहा है. इस दीवार का आधा हिस्सा ढह चुका है. अधिकारियों को डर है कि अगर बाकी हिस्सा भी टूटा, तो सचिवालय परिसर में पानी घुस सकता है. पानी हटाने के लिए लगातार काम जारी है.

लोगों को सुरक्षित निकाला गया

यमुना का पानी वासुदेव घाट और कश्मीरी गेट के पास श्री मरघट वाले हनुमान बाबा मंदिर तक पहुंच गया. कई इलाकों में घर जलमग्न हो गए, दुकानों का सामान बर्बाद हो गया और यातायात ठप हो गया. हजारों लोग प्रभावित हुए हैं. लोग गर्दन तक पानी में चलकर सुरक्षित स्थानों पर पहुंच रहे हैं. राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ), पुलिस और अग्निशमन विभाग बचाव कार्य में जुटे हैं. पुराना रेलवे पुल बाढ़ की निगरानी का अहम केंद्र है. राजस्व विभाग के अनुसार, 8,018 लोगों को तंबुओं में और 2,030 लोगों को 13 स्थायी आश्रय स्थलों में स्थानांतरित किया गया है. सरकार का कहना है कि स्थिति पर 24 घंटे नजर रखी जा रही है. सभी 13 नियामक नाले बंद कर दिए गए हैं ताकि यमुना का पानी शहर में वापस न आए. 

जनजीवन बुरी तरह से प्रभावित 

दिल्ली में भीषण बाढ़ ने 2023 में भी तबाही मचाई थी, जब यमुना का जलस्तर 208.66 मीटर तक पहुंचा था. इससे पहले 1978 में जलस्तर 207.49 मीटर, 2010 में 207.11 मीटर और 2013 में 207.32 मीटर तक पहुंचा था. इस बार जलभराव और यातायात जाम ने जनजीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया. भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने और बारिश की चेतावनी दी है. यमुना के बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों में स्थिति और खराब हो सकती है. दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कहा है कि यमुना के बढ़ते जलस्तर के बावजूद शहर खतरे में नहीं है. फिर भी, अधिकारियों ने बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों के लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने की सलाह दी है. सरकार और प्रशासन स्थिति को नियंत्रित करने के लिए हरसंभव प्रयास कर रहे हैं. दिल्लीवासियों से अपील है कि वे सतर्क रहें और प्रशासन के निर्देशों का पालन करें. बाढ़ का यह संकट सभी के लिए चुनौतीपूर्ण है, लेकिन एकजुटता और सावधानी से इसका सामना किया जा सकता है. 

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