Indians in Russian Army: विदेश मंत्रालय ने भारतीय नागरिकों से रूसी सेना में भर्ती न होने की सख्त हिदायत दी है. मंत्रालय ने इसे खतरनाक रास्ता बताया है. यह चेतावनी उन खबरों के बाद आई है, जिनमें कहा गया कि कई भारतीयों को यूक्रेन युद्ध में लड़ने के लिए मजबूर किया गया.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने गुरुवार को मीडिया को बताया कि रूसी सेना में भारतीयों की भर्ती की खबरें सामने आई हैं. उन्होंने कहा कि पिछले एक साल में हमने कई बार भारतीय नागरिकों को इस तरह की भर्तियों के जोखिमों से आगाह किया है. मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि रूसी सेना में शामिल होना न केवल खतरनाक है, बल्कि यह भारतीयों की सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा पैदा करता है.
विदेश मंत्रालय ने इस मुद्दे को गंभीरता से लिया है. जायसवाल ने कहा कि हमने दिल्ली और मॉस्को में रूसी अधिकारियों से इस बारे में बात की है. हमने मांग की है कि इस तरह की भर्तियों को रोका जाए और हमारे नागरिकों को रिहा किया जाए. मंत्रालय प्रभावित भारतीयों के परिवारों के संपर्क में भी है. मंत्रालय ने रूस से यह सुनिश्चित करने को कहा है कि भारतीय नागरिकों को ऐसी खतरनाक स्थिति में न डाला जाए. यह पहली बार नहीं है जब भारतीयों को युद्ध में शामिल होने के लिए मजबूर किया गया हो. 24 जुलाई, 2025 को विदेश मंत्रालय ने राज्यसभा को बताया था कि 127 भारतीय नागरिक रूसी सेना में शामिल थे. भारत और रूस के बीच लगातार बातचीत के बाद 98 भारतीयों की सेवाएं समाप्त कर दी गईं. हालांकि, 13 भारतीय अभी भी रूसी सेना में हैं, जिनमें से 12 के लापता होने की खबर है. इस स्थिति ने भारतीय सरकार की चिंता बढ़ा दी है.
मंत्रालय ने भारतीय नागरिकों से अपील की है कि वे रूसी सेना में भर्ती के किसी भी प्रस्ताव को ठुकरा दें. जायसवाल ने कहा कि हम सभी भारतीयों से अनुरोध करते हैं कि वे ऐसे किसी भी ऑफर से दूर रहें. यह उनकी जान के लिए जोखिम भरा हो सकता है. मंत्रालय ने नागरिकों को विदेश में नौकरी के लालच में सावधानी बरतने की सलाह दी है. भारत सरकार इस मामले में सक्रिय रूप से काम कर रही है. विदेश मंत्रालय ने रूसी अधिकारियों के साथ उच्च स्तर पर चर्चा की है. मंत्रालय का लक्ष्य है कि सभी प्रभावित भारतीयों को सुरक्षित वापस लाया जाए. सरकार ने यह भी सुनिश्चित करने का प्रयास किया है कि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों.