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पूर्व CM एसएम कृष्णा का आज होगा अंतिम संस्कार, कर्नाटक में तीन दिनों तक राजकीय शोक, बैंगलोर मेट्रो ने दिया अपडेट

कर्नाटक सरकार ने पूर्व CM एसएम कृष्णा के निधन पर राज्य में तीन दिनों तक राजकीय शोक की घोषणा की है. वहीं आज यानी 11 दिसंबर को सार्वजनिक अवकाश का ऐलान किया गया है. आज उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा.

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Courtesy: Social Media

SM Krishna Death: कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री और भारत के पूर्व विदेश मंत्री, एसएम कृष्णा (SM Krishna) का मंगलवार को निधन हो गया. वह 92 वर्ष के थे और बढ़ती उम्र की स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रहे थे. उनके निधन की खबर से कर्नाटक और पूरे देश में शोक की लहर दौड़ गई है. आज 11 दिसंबर को उनके अंतिम संस्कार को राजकीय सम्मान के साथ मांड्या जिले स्थित उनके पैतृक गांव में संपन्न किया जाएगा.

एसएम कृष्णा के निधन के बाद, कर्नाटक सरकार ने तीन दिनों के राजकीय शोक की घोषणा की है. इस अवधि में राज्य में कोई भी आधिकारिक सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित नहीं किया जाएगा. साथ ही सभी सरकारी संस्थाओं में राष्ट्रीय ध्वज आधा झुका रहेगा. 10 से 12 दिसंबर तक राजकीय शोक घोषित किया गया है और 11 दिसंबर को सार्वजनिक अवकाश रहेगा. इस दौरान सभी सरकारी स्कूल, कॉलेज और संस्थान बंद रहेंगे. हालांकि बैंगलोर मेट्रो रेल सेवा नियमित रूप से चलेगी. जैसा कि बैंगलोर मेट्रो कॉर्पोरेशन लिमिटेड ने स्पष्ट किया है.

बेंगलुरु को 'सिलिकॉन सिटी' के रूप में किया स्थापित 

एसएम कृष्णा का जीवन भारतीय राजनीति के लिए एक प्रेरणा रहा है. उन्होंने करीब छह दशकों तक राजनीति में अपनी सेवा दी और राज्य तथा राष्ट्र के लिए कई महत्वपूर्ण कार्य किए. उन्होंने बेंगलुरु को 'सिलिकॉन सिटी' के रूप में स्थापित किया और आईटी क्षेत्र में शहर का विस्तार किया. उनके योगदान के कारण उन्हें पद्म विभूषण जैसे प्रतिष्ठित सम्मान से नवाजा गया था. उनकी मृत्यु ने कर्नाटक के लोगों को गहरे दुख में डाल दिया है. उनका योगदान देश और राज्य की राजनीति में हमेशा याद किया जाएगा.

देश में शोक की लहर

एसएम कृष्णा के निधन पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, विदेश मंत्री एस जयशंकर समेत कई प्रमुख नेताओं ने शोक व्यक्त किया है. एसएम कृष्णा ने 1999 से 2004 तक कर्नाटक के मुख्यमंत्री रहें. इसके बाद उन्होंने 2004 से 2008 तक महाराष्ट्र के राज्यपाल पद की जिम्मेदारी संभाली. अपने राजनीतिक करियर के दौरान उन्होंने 2009 से 2012 तक उन्होंने मनमोहन सिंह की सरकार में विदेश मंत्री के रूप में भी महत्वपूर्ण कार्य किया. इस दौरान उन्होंने कई ऐतिहासिक उपलब्धियां प्राप्त की. 

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