Soumya Murder Case: सौम्या बलात्कार और हत्या मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहा गोविंदाचामी शुक्रवार को केरल की कन्नूर सेंट्रल जेल से फरार हो गया था, हालांकि कुछ घंटों बाद पुलिस ने उसे थालप इलाके में एक जर्जर इमारत के पास गिरफ्तार कर लिया. इस घटना ने जेल की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठाए हैं.
शुक्रवार तड़के गोविंदाचामी की कोठरी की जांच के दौरान उसका लापता होना पाया गया. कन्नूर के एसपी निधिनराज पी ने बताया कि सीसीटीवी फुटेज में गोविंदाचामी सुबह 4:15 से 6:30 बजे के बीच भागता दिखा. उसने कपड़ों से बनी रस्सी की मदद से 25 फीट ऊँची दीवार फांदी. बाएं हाथ से विकलांग होने के बावजूद वह भागने में सफल रहा.
जेल प्रशासन ने तुरंत तलाशी अभियान शुरू किया. कन्नूर पुलिस ने के-9 दस्ते को तैनात किया. कुछ ही घंटों में गोविंदाचामी को थालप इलाके में पकड़ लिया गया. पुलिस अब यह जांच कर रही है कि उसे भागने में किसी की मदद मिली या नहीं. कोच्चि के एक शॉपिंग मॉल में काम करती थीं. वह घटना के दिन एर्नाकुलम-शोरानूर पैसेंजर ट्रेन के महिला कोच में यात्रा कर रही थीं. गोविंदाचामी ने उन पर हमला किया. उसने सौम्या को ट्रेन से धक्का दे दिया. इसके बाद वह खुद ट्रेन से कूदा और सौम्या को वल्लथोल नगर के जंगली इलाके में ले गया. वहां उसने बलात्कार किया. 6 फरवरी को सौम्या की मृत्यु त्रिशूर के सरकारी मेडिकल कॉलेज में हुई.
त्रिशूर की फास्ट-ट्रैक कोर्ट ने 2012 में गोविंदाचामी को मौत की सजा सुनाई. कोर्ट ने उसे आदतन अपराधी माना. अपराध की क्रूरता ने समाज को झकझोर दिया था. सुप्रीम कोर्ट ने 2016 में हत्या का आरोप हटाकर सजा को आजीवन कारावास में बदला. हालांकि, बलात्कार के लिए सजा बरकरार रही. सौम्या की मां ने इस घटना पर गहरा दुख जताया. उन्होंने कहा कि गोविंदाचामी को जेल भेजने के लिए हमने सुप्रीम कोर्ट तक लड़ाई लड़ी. वह बिना मदद के कैसे भाग सकता है? उन्होंने सवाल उठाया कि जेल की सुरक्षा में इतनी बड़ी चूक कैसे हुई. उन्होंने कहा कि कोई भी मां मेरे जैसा दर्द न सहे. इस घटना ने कन्नूर सेंट्रल जेल की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े किए हैं. पुलिस और जेल प्रशासन इस मामले की गहन जांच कर रहे हैं. गोविंदाचामी की गिरफ्तारी से राहत मिली है, लेकिन सवाल बाकी हैं.