स्वास्थ्य के साथ-साथ अब जेब पर भी पड़ेगा असर, जीएसटी में बदलाव के बाद निकोटीन यूजर हो जाएं सावधान!

जीएसटी में पहले 5%, 12%, 18% और 28% के चार स्लैब थे. अब परिषद ने 12% और 18% के स्लैब को खत्म कर केवल 5% और 18% की दो-स्तरीय प्रणाली लागू की है. अधिकारियों का कहना है कि इससे भ्रम कम होगा और व्यवसायों व उपभोक्ताओं के लिए कर प्रणाली आसान होगी.

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GST Rate Cut 2025: जीएसटी परिषद ने एक ऐतिहासिक फैसले में कर दरों में व्यापक कटौती को मंजूरी दी है, जो 22 सितंबर 2025 से लागू होगी. यह तारीख नवरात्रि के पहले दिन से मेल खाती है. केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 56वीं जीएसटी परिषद की बैठक के बाद इसकी घोषणा की. इस कदम को 2017 में जीएसटी लागू होने के बाद सबसे बड़ा सुधार माना जा रहा है. सीतारमण ने कहा कि ये बदलाव आम आदमी को ध्यान में रखकर किए गए हैं. इससे जीडीपी पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा.

जीएसटी में पहले 5%, 12%, 18% और 28% के चार स्लैब थे. अब परिषद ने 12% और 18% के स्लैब को खत्म कर केवल 5% और 18% की दो-स्तरीय प्रणाली लागू की है. अधिकारियों का कहना है कि इससे भ्रम कम होगा और व्यवसायों व उपभोक्ताओं के लिए कर प्रणाली आसान होगी. यह बदलाव अनुपालन को बेहतर बनाएगा और व्यापार को बढ़ावा देगा.

हानिकारक सामानों पर हाई टैक्स 

जीएसटी परिषद ने विलासिता और हानिकारक वस्तुओं के लिए 40% की नई अवगुण दर शुरू की है. इसका मकसद आवश्यक वस्तुओं पर कर कम करना और प्रीमियम व हानिकारक उत्पादों पर उच्च कर लगाना है. पान मसाला, गुटखा, सिगरेट, बीड़ी, तंबाकू, कार्बोनेटेड पेय, और कैफीनयुक्त पेय अब 40% कर स्लैब में आएंगे. यह कर खुदरा कीमतों पर लागू होगा, न कि फैक्ट्री की कीमतों पर. इसके अलावा, तंबाकू या निकोटीन के विकल्प वाले उत्पाद, जैसे बिना जलाए सांस लेने वाले उपकरण, भी इस स्लैब में शामिल हैं. इससे आवश्यक वस्तुओं पर कर कम होगा, जबकि गैर-आवश्यक और हानिकारक उत्पादों का उपभोग सीमित करने की कोशिश की जाएगी.

40% स्लैब में शामिल उत्पाद

  • पान मसाला, गुटखा, सिगरेट, बीड़ी, चबाने वाला तंबाकू  
  • कार्बोनेटेड और कैफीनयुक्त पेय  
  • तंबाकू या उसके विकल्प वाले सिगार, चुरूट, सिगारिलो  
  • हेलीकॉप्टर, नौकाएँ, 350 सीसी से बड़ी मोटरसाइकिलें  
  • 1500 CC से ज्यादा या 4000 मिमी से लंबी कारें  

अमित शाह ने की पीएम मोदी की तारीफ

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इन सुधारों को ऐतिहासिक बताया और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सराहना की. उन्होंने कहा कि यह फैसला गरीबों, मध्यम वर्ग, किसानों, एमएसएमई, महिलाओं और युवाओं को बड़ी राहत देगा. शाह ने जीएसटी पंजीकरण प्रक्रिया को सरल बनाने के फैसले की भी तारीफ की. उन्होंने एक पोस्ट में कहा कि प्रधानमंत्री मोदी अपने वादों पर अडिग हैं. यह सुधार अर्थव्यवस्था को नई दिशा देगा. ये सुधार न केवल कर प्रणाली को सरल बनाएंगे, बल्कि उपभोक्ताओं को सस्ती वस्तुएँ और व्यवसायों को आसान अनुपालन प्रदान करेंगे. विशेषज्ञों का मानना है कि दो स्लैब वाली प्रणाली से व्यापार में पारदर्शिता बढ़ेगी और अर्थव्यवस्था को गति मिलेगी. यह कदम सरकार की आम आदमी के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है.

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