Vaishno Devi Yatra: जम्मू-कश्मीर में लगातार हो रही बारिश की वजह से भारी तबाही मची है. वैष्णो देवी मंदिर के पास भूस्खलन की वजह से 30 लोगों की मौत हो गई. बारिश के कारण बाढ़ जैसी स्थिति बन गी है. जिसकी वजह से आम जीवन बुरी तरह से प्रभावित हुआ है.
बारिश के कारण कई रास्ते डिस्टर्ब हो गए हैं. जिसकी वजह से वैष्णो देवी मंदिर की तीर्थयात्रा को अस्थायी रूप से रोक दिया गया है. मिल रही जानकारी के मुताबिक बारिश के कारण पुल ढ़ह गए, मोबाइल टावरों और बिजली के खंभों भी टूट गए हैं. बुनियादी ढांचे को भारी नुकसान हुआ है.
जम्मू-श्रीनगर और किश्तवाड़-डोडा राजमार्गों पर यातायात ठप हो गया. कई पहाड़ी सड़कें भूस्खलन से अवरुद्ध या क्षतिग्रस्त हो गईं. जम्मू आने-जाने वाली कई ट्रेनें भी रद्द कर दी गई हैं. केंद्र शासित प्रदेश के बड़े हिस्से में दूरसंचार सेवाएं बंद हो गई हैं. लाखों लोग संचार सुविधाओं से कट गए हैं. इससे राहत और बचाव कार्यों में भी मुश्किलें बढ़ रही हैं. निचले इलाकों से सैकड़ों लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया गया है. दो हफ्ते पहले किश्तवाड़ में बादल फटने से अचानक बाढ़ आई थी. इस आपदा में 65 लोगों की मौत हुई, जिनमें ज्यादातर तीर्थयात्री थे. 100 से ज्यादा लोग घायल हुए और कई अभी भी लापता हैं. मंगलवार को डोडा जिले में बारिश से जुड़ी घटनाओं में चार लोगों की मौत हुई. तीन लोग नदी में बह गए, जबकि एक की घर ढहने से जान चली गई.
मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने स्थिति को गंभीर बताया. उन्होंने आपात बैठक बुलाई और जिला प्रशासकों को हाई अलर्ट पर रहने के निर्देश दिए. अब्दुल्ला ने X पर लिखा कि उपायुक्तों को आपातकालीन बहाली कार्यों के लिए अतिरिक्त धनराशि दी जाएगी. उन्होंने प्रभावित परिवारों को भोजन, पानी और दवाएं तुरंत उपलब्ध कराने के आदेश दिए. क्षेत्र की सभी प्रमुख नदियां, जैसे रावी, तराना, उझ, तवी और चिनाब, खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं. कठुआ में रावी नदी पर मोधोपुर बैराज एक लाख क्यूसेक के निशान को पार कर गया, जिससे भारी बाढ़ आई. पुलिस और प्रशासन लोगों से सुरक्षित स्थानों पर जाने की अपील कर रहे हैं. मौसम विभाग ने 27 अगस्त तक मध्यम से भारी बारिश, बादल फटने और भूस्खलन की चेतावनी दी है. लोगों को नदियों और भूस्खलन जोखिम वाले क्षेत्रों से दूर रहने की सलाह दी गई है. जम्मू संभाग में सभी स्कूल 27 अगस्त तक बंद हैं.