Maratha Hunger Strike: मुंबई के आजाद मैदान में मंगलवार को मराठा आरक्षण आंदोलन ने तूल पकड़ लिया. बॉम्बे हाईकोर्ट ने आंदोलनकारी मनोज जरांगे को कड़ी फटकार लगाई. कोर्ट ने कहा कि आंदोलन ने मुंबई को 'पंगु' बना दिया है. प्रदर्शनकारियों ने सड़कें जाम कर दीं. छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस, चर्चगेट और मरीन ड्राइव जैसे इलाके प्रभावित हुए. कोर्ट ने जरांगे और उनके समर्थकों को सड़कें खाली करने का आदेश दिया. बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) ने प्रदर्शनकारियों को दोपहर तक सड़कें खाली करने का निर्देश दिया.
पुलिस ने जरांगे और उनकी कोर कमेटी को कोर्ट की शर्तों का उल्लंघन का हवाला देते हुए नोटिस जारी किया. प्रदर्शनकारियों ने ट्रकों और कारों से सड़कें अवरुद्ध कीं. आजाद मैदान में धरना देने की शर्तें तोड़ी गईं. पुलिस ने कहा कि जरांगे के बयानों ने भी नियम तोड़े. बीएमसी ने देर रात आजाद मैदान के बाहर सफाई अभियान चलाया. सड़कों को साफ करने के लिए मशीनें लगाई गईं. स्किड स्टीयर लोडर, मिनी और बड़े कॉम्पैक्टर का इस्तेमाल हुआ. बीएमसी कर्मचारी भी इस अभियान में शामिल रहे.
मनोज जरांगे की भूख हड़ताल मंगलवार को पांचवें दिन में पहुंची. वह मराठा समुदाय के लिए ओबीसी कोटे में 10 प्रतिशत आरक्षण मांग रहे हैं. वह आजाद मैदान में 29 अगस्त सेअनिश्चितकालीन अनशन पर हैं. कमजोरी के बावजूद, जरांगे अपनी मांग पर अड़े हैं. उन्होंने कहा कि जब तक आरक्षण नहीं मिलेगा, मैं मुंबई नहीं छोड़ूंगा. हालांकि, हाईकोर्ट की फटकार के बाद उन्होंने समर्थकों से नियमों का पालन करने को कहा है. उन्होंने मुंबईवासियों को परेशान न करने की अपील की. साथ ही, वाहनों को सही जगह पार्क करने का निर्देश दिया.
आजाद मैदान के बाहर यातायात पूरी तरह बंद रहा. सड़कों पर ट्रक, कारें और प्रदर्शनकारी जमा थे. कुछ समर्थक सामान बांधते दिखे. वहीं, कुछ अपनी मांगों पर डटे रहे. मंगलवार सुबह कुछ प्रदर्शनकारी सड़कों पर नाचते भी नजर आए. बीएमसी ने कहा कि वह इलाके को साफ करने और सामान्य स्थिति बहाल करने के लिए काम कर रही है. कोर्ट ने भी प्रदर्शनकारियों को सड़कें खाली करने का 'अवसर' दिया है. मराठा आरक्षण आंदोलन ने मुंबई की रफ्तार रोक दी है. हाईकोर्ट और बीएमसी की सख्ती के बाद स्थिति पर नजर रखी जा रही है. जरांगे ने समर्थकों से शांति बनाए रखने को कहा है.