Jaishankar Meets Afghan Foreign Minister: विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने शुक्रवार को अफगानिस्तान के विदेश मंत्री आमिर खान मुत्ताकी से मुलाकात की. इस दौरान उन्होंने भारत और अफगानिस्तान के बीच मजबूत साझेदारी पर जोर दिया. जयशंकर ने पाकिस्तान पर परोक्ष रूप से निशाना साधते हुए कहा कि भारत अफगानिस्तान की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है.
जयशंकर ने कहा कि भारत को अफगानिस्तान की प्रगति और विकास में गहरी रुचि है. उन्होंने मुत्ताकी की यात्रा को दोनों देशों के बीच संबंधों को और मजबूत करने का एक महत्वपूर्ण कदम बताया. विदेश मंत्री ने कहा कि भारत और अफगानिस्तान की दोस्ती लंबे समय से चली आ रही है. भारत ने हमेशा अफगानिस्तान का साथ दिया है, खासकर मुश्किल समय में.
जयशंकर ने बताया कि भारत ने कोविड-19 महामारी के दौरान अफगानिस्तान को दवाइयां और अन्य सहायता प्रदान की थी. इसके अलावा, हाल ही में भूकंप प्रभावित क्षेत्रों में भारत ने तुरंत राहत सामग्री भेजी. उन्होंने कहा कि हम प्रभावित क्षेत्रों में घरों के पुनर्निर्माण में भी मदद करेंगे. भारत ने अफगान लोगों के लिए खाद्य सहायता भी भेजी है और शुक्रवार को काबुल में एक और खेप पहुंचाई गई. विदेश मंत्री ने अफ़ग़ान शरणार्थियों की स्वदेश वापसी पर चिंता जताई. उन्होंने कहा कि भारत उनके लिए आवास निर्माण और जीवन को बेहतर बनाने के लिए सहायता देगा. जयशंकर ने अफगानिस्तान में खनन के अवसरों के लिए भारतीय कंपनियों को आमंत्रित करने के लिए मुत्ताकी का धन्यवाद किया.
जयशंकर ने बताया कि अप्रैल 2025 में भारत ने अफ़ग़ान नागरिकों के लिए एक नया वीजा मॉड्यूल शुरू किया है. इसके तहत चिकित्सा, व्यवसाय और छात्र वीजा की संख्या बढ़ाई गई है. उन्होंने यह भी घोषणा की कि भारत जल्द ही काबुल में अपना दूतावास फिर से खोलेगा. यह कदम दोनों देशों के बीच सहयोग को और मजबूत करेगा. जयशंकर ने सीमा पार आतंकवाद को दोनों देशों के लिए बड़ा खतरा बताया. उन्होंने कहा कि हमें आतंकवाद के सभी रूपों से मिलकर लड़ना होगा. उन्होंने पहलगाम आतंकवादी हमले के बाद अफगानिस्तान की एकजुटता की सराहना की. विदेश मंत्री ने कहा कि भारत और अफगानिस्तान का सहयोग क्षेत्रीय स्थिरता के लिए महत्वपूर्ण है.