India-Pakistan War: भारत और पाकिस्तान के बीच सीमा पर तनाव चरम पर है. विदेश मंत्रालय ने बताया कि शनिवार तड़के पाकिस्तान द्वारा भारतीय वायुसेना के ठिकानों और नागरिक बुनियादी ढांचे पर किए गए समन्वित हमलों के जवाब में भारत ने आठ पाकिस्तानी सैन्य ठिकानों पर सटीक हमले किए. ये हमले उधमपुर, पठानकोट, आदमपुर, भुज, श्रीनगर और अवंतीपोरा में हुए पाकिस्तानी हमलों के जवाब में थे, जिसमें ड्रोन, हाई-स्पीड मिसाइलें, लोटरिंग म्यूनिशन और लड़ाकू विमान शामिल थे.
कर्नल सोफिया कुरैशी ने प्रेस को बताया कि उधमपुर, पठानकोट, आदमपुर और भुज में भारतीय वायुसेना के ठिकानों को सीमित नुकसान पहुंचा. पाकिस्तान ने श्रीनगर, अवंतीपुर और उधमपुर में स्कूलों और चिकित्सा केंद्रों को भी निशाना बनाया, जिसे भारत ने गैर-जिम्मेदाराना करार दिया. पंजाब की ओर 1:40 बजे लॉन्च की गई एक हाई-स्पीड मिसाइल को भी नाकाम कर दिया गया.
कुरैशी ने कहा कि भारत ने केवल सैन्य ठिकानों को निशाना बनाकर संतुलित जवाब दिया. इनमें रफीकी, मुरीद, चकलाला, रहीम यार खान, सुक्कुर, चुनियन, पसरूर की रडार साइट और सियालकोट का एविएशन बेस शामिल थे. विदेश मंत्रालय के अनुसार, भारतीय लड़ाकू विमानों ने सटीक हथियारों का उपयोग कर न्यूनतम नागरिक क्षति सुनिश्चित की. पाकिस्तान ने नियंत्रण रेखा और अंतरराष्ट्रीय सीमा पर गोलाबारी तेज की, जिसमें कुपवाड़ा, बारामुल्ला, पुंछ, राजौरी और अखनूर प्रभावित हुए. राजौरी में गोलाबारी से अतिरिक्त जिला विकास आयुक्त की मृत्यु हो गई जबकि फिरोजपुर और जालंधर में नागरिक घायल हुए.
विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने पाकिस्तान की रणनीति, खासकर सैन्य अभियानों में नागरिक उड़ानों के उपयोग की निंदा की. भारत ने रक्षा अलर्ट के दौरान हवाई क्षेत्र बंद किया, लेकिन लाहौर से वाणिज्यिक उड़ानें जारी रहीं, जिसे मिस्री ने अंतरराष्ट्रीय नियमों का उल्लंघन बताया. उन्होंने कहा कि भारतीय वायुसेना ने नागरिक उड्डयन की सुरक्षा के लिए संयम बरता. मिस्री ने पाकिस्तान के भारतीय ठिकानों के कथित विनाश के दावों का खंडन करते हुए आदमपुर, सूरतगढ़, सिरसा, नगरोटा और चंडीगढ़ के एयरबेस की तस्वीरें दिखाईं, जो बरकरार हैं. विदेश मंत्रालय ने दोहराया कि भारत के हमले संतुलित और सीमित थे, जिनका उद्देश्य पाकिस्तान की आक्रामक हवाई और ड्रोन क्षमताओं को कम करना था. यह कार्रवाई संघर्ष बढ़ाने के लिए नहीं, बल्कि स्पष्ट संदेश देने के लिए थी. भारत ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से इस स्थिति पर ध्यान देने का आग्रह किया है.