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नौसेना उप प्रमुख ने बताया कि हिंद महासागर में फिलहाल करीब 40 जहाज तैनात हैं. यह संख्या जल्द ही 50 से ज्यादा हो जाएगी. वे विशाखापत्तनम में फरवरी 2026 में होने वाली अंतर्राष्ट्रीय बेड़ा समीक्षा को संबोधित कर रहे थे. इस मौके पर उन्होंने क्षेत्र में विदेशी ताकतों की मौजूदगी पर चिंता जताई.
वाइस एडमिरल संजय वात्स्यायन ने कहा कि मौजूदा हालात की वजह से हिंद महासागर में क्षेत्र से बाहर की ताकतें लगातार मौजूद हैं. यह संख्या हमेशा से रही है और अब बढ़ रही है. किसी भी समय हिंद महासागर में भारतीय नौसेना के कम से कम 40 जहाज सक्रिय रहते हैं. नौसेना इस संख्या को और बढ़ाने की दिशा में काम कर रही है.
उनकी यह टिप्पणी चीनी जहाजों की गतिविधियां बढ़ने और कुछ जहाजों के मॉरीशस की ओर जाने की खबरों के बीच आई है. नौसेना हर जहाज की गतिविधियों पर नजर रख रही है. इसमें जहाज क्या कर रहे हैं और क्या कर सकते हैं. वे कब आते हैं और कब जाते हैं. यह सब जानकारी रखी जा रही है. चुनौतियां बनी हुई हैं लेकिन हिंद महासागर माल और तेल के आवागमन का मुख्य रास्ता बना हुआ है. इसमें कोई बदलाव नहीं आया है.
वाइस एडमिरल संजय वात्स्यायन ने विदेशी ताकतों को साफ चेतावनी दी. उन्होंने कहा कि भारतीय नौसेना के पास हर स्थिति से निपटने की योजना है. ऑपरेशन सिंदूर अभी भी चल रहा है. यह भविष्य में भी नौसेना की योजना और अभ्यास का हिस्सा रहेगा. ऑपरेशन सिंदूर अभी भी जारी है. विदेशी देशों के साथ हमारे चल रहे अभ्यासों और हमारी योजनाओं के माध्यम से दिया जाने वाला संदेश बिना किसी बाधा के लागू है.
हम वर्तमान में और भविष्य में ऑपरेशन सिंदूर के हिस्से के रूप में तैयार और तैनात हैं. यह जारी है, और हम अपनी सैन्य योजनाओं के साथ भी आगे बढ़ रहे हैं. उन्होंने कहा कि यह एक बहुत ही सरल संदेश है जिसकी हम तलाश कर रहे हैं. इस ऑपरेशन से नौसेना की ताकत और तैयारी का पता चलता है. विदेशी जहाजों की हर गतिविधि पर नजर रखकर नौसेना क्षेत्र की सुरक्षा सुनिश्चित कर रही है.