Delhi Interstate Bus Service: दिल्ली सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया है. दिल्ली परिवहन निगम (डीटीसी) की अंतरराज्यीय बस सेवा लगभग 15 साल बाद 25 सितंबर से फिर शुरू होने जा रही है. अधिकारियों ने बताया कि पहले चरण में ये बसें बड़ौत जाएंगी. यह कदम यात्रियों को सस्ता और सुविधाजनक परिवहन उपलब्ध कराने की दिशा में उठाया गया है.
दिल्ली सरकार ने शुरू में 17 मार्गों पर 100 इलेक्ट्रिक बसें चलाने की योजना बनाई थी. लेकिन चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर की कमी के कारण यह योजना बदल दी गई. एक अधिकारी ने कहा कि दूर-दराज के इलाकों में इलेक्ट्रिक बसें चलाना मुश्किल है. इसलिए, हम वेट लीज़ मॉडल पर बीएस-6 मानक वाली बसें चलाएंगे. इन बसों का संचालन एक कंसेसियनार करेगा. डीटीसी जल्द ही इसके लिए निविदा तैयार करेगी. राजस्व-साझाकरण मॉडल को भी अंतिम रूप दिया जाएगा.
अधिकारियों के अनुसार, पहले चरण में तीन बसें चलाई जाएंगी. ये बसें बड़ौत के लिए रवाना होंगी. सरकार इस चरण में सेवा की स्थिति का परीक्षण करेगी. इसके बाद अन्य मार्गों पर भी सेवाएं शुरू की जाएंगी. यह कदम पड़ोसी राज्यों के साथ बेहतर कनेक्टिविटी सुनिश्चित करेगा. डीटीसी ने अंतरराज्यीय बस सेवा के लिए 17 गंतव्यों को चुना है. इनमें उत्तराखंड के ऋषिकेश, हरिद्वार और देहरादून; हरियाणा का पानीपत; उत्तर प्रदेश के अयोध्या, लखनऊ और मुरादाबाद; और अमृतसर, चंडीगढ़ व जम्मू शामिल हैं. ये बसें यात्रियों को आरामदायक और किफायती सफर का अनुभव देंगी. नई बसें 12 मीटर लंबी और वातानुकूलित होंगी. इनमें सामान रखने की पर्याप्त जगह भी होगी. एक अधिकारी ने बताया कि किराया अन्य निजी बसों की तुलना में कम और किफायती होगा. किराए को रियायतग्राही के साथ समझौते के बाद तय किया जाएगा. यह कदम आम यात्रियों को राहत देगा.
डीटीसी की अंतरराज्यीय बस सेवा 2010 में बंद हो गई थी. उस समय डीटीसी ने अपने बेड़े को सीएनजी में बदला था. लेकिन पड़ोसी राज्यों में सीएनजी की कमी के कारण सेवा निलंबित कर दी गई. पहले ये बसें अपनी विश्वसनीयता और सस्ते किराए के लिए जानी जाती थीं. अब सरकार इसे फिर से शुरू कर यात्रियों को बेहतर विकल्प देना चाहती है. पहले चरण की सफलता के बाद अन्य मार्गों पर भी सेवाएँ शुरू की जाएगी. यात्रियों को उम्मीद है कि यह सेवा उनकी यात्रा को आसान और सस्ता बनाएगी. डीटीसी की इस पहल से दिल्ली और पड़ोसी राज्यों के बीच संपर्क और मजबूत होगा.