Jagdeep Dhankhar: उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने शनिवार को साफ कहा कि कोई भी बाहरी ताकत भारत को उसके मामलों में हस्तक्षेप करने का आदेश नहीं दे सकती. उन्होंने लोगों से बाहरी आख्यानों से प्रभावित न होने की अपील की. राष्ट्रपति धनखड़ ने यह बयान आईडीईएस 2024 बैच के ट्रेनी अधिकारियों को संबोधित करते हुए दिया.
उपराष्ट्रपति ने उपराष्ट्रपति एन्क्लेव में कहा कि कोई बाहरी ताकत भारत को यह नहीं बता सकती कि उसे अपने मामले कैसे संभालने हैं. उन्होंने जोर देकर कहा कि भारत एक संप्रभु राष्ट्र है और इसके सभी निर्णय इसका नेतृत्व खुद लेता है. धनखड़ ने कहा कि हम दुनिया के देशों के साथ एकजुट होकर काम करते हैं. हमारे बीच सम्मान और कूटनीतिक संवाद है. लेकिन अंत में, हम अपने फैसले स्वयं लेते हैं.
क्रिकेट का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि क्या हर खराब गेंद को खेलना जरूरी है? अचछे खिलाड़ी खराब गेंद को छोड़ देते हैं. उन्होंने आगे कहा कि ऐसी गेंदें लुभावनी हो सकती हैं, लेकिन उन्हें खेलने की कोशिश करने वालों के लिए विकेटकीपर और गली में कोई न कोई इंतजाम होता है. उनका इशारा बाहरी बयानों को अनदेखा करने की ओर था. उपराष्ट्रपति का यह बयान अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के उस दावे के बाद आया है, जिसमें उन्होंने कहा था कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव कम करने में अमेरिका ने अहम भूमिका निभाई. ट्रंप ने दावा किया कि उन्होंने दोनों देशों को चेतावनी दी थी कि जब तक सीमा पर सैन्य कार्रवाई बंद नहीं होगी, अमेरिका व्यापार समझौतों पर आगे नहीं बढ़ेगा.
भारत ने ट्रंप द्वारा किए जा रहे दावे को मानने से इनकार कर दिया है. सरकार ने स्पष्ट किया कि पाकिस्तान ने ही युद्धविराम का अनुरोध किया था. भारत और पाकिस्तान के सैन्य अभियान महानिदेशकों (DGMO) ने शांति समझौते पर अंतिम फैसला लिया. इस प्रक्रिया में किसी तीसरे पक्ष की कोई भूमिका नहीं थी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी ट्रंप से फोन पर बातचीत में यह बात साफ की. विपक्ष ने ट्रंप के दावों पर सरकार से स्पष्टीकरण मांगा था.
धनखड़ के बयान को इस मसले पर भारत के रुख को और मजबूत करने वाला माना जा रहा है. उन्होंने बाहरी बयानों को नजरअंदाज करने की सलाह दी और कहा कि भारत अपनी नीतियों और फैसलों में पूरी तरह स्वतंत्र है. उपराष्ट्रपति ने अपने संबोधन में भारत की संप्रभुता और आत्मनिर्भरता पर जोर दिया. उन्होंने युवा अधिकारियों से कहा कि वे देश की नीतियों और हितों को सर्वोपरि रखें. धनखड़ ने कहा कि भारत वैश्विक मंच पर सम्मान के साथ खड़ा है और किसी भी बाहरी दबाव में नहीं आएगा.