Jammu and Kashmir Terrorists Killed: जम्मू-कश्मीर के बांदीपोरा जिले में गुरुवार को गुरेज सेक्टर के नौशहरा नार इलाके में भारतीय सेना ने नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर घुसपैठ की कोशिश को नाकाम कर दिया. अधिकारियों के अनुसार, इस ऑपरेशन में दो आतंकवादी मारे गए. सेना की सतर्कता और त्वरित कार्रवाई ने एक बड़े खतरे को टाल दिया. इस घटना के बाद इलाके में सुरक्षा और सघन कर दी गई है.
नौशहरा नार के पास सैनिकों ने संदिग्ध गतिविधियों को देखा. आतंकवादियों ने भारतीय क्षेत्र में घुसने की कोशिश की, लेकिन सतर्क सैनिकों ने तुरंत जवाबी कार्रवाई की. गोलीबारी में दो आतंकवादी मारे गए. सेना ने इस मुठभेड़ के बाद इलाके को घेर लिया और कोई अन्य खतरा न हो, यह सुनिश्चित करने के लिए तलाशी अभियान शुरू किया.
मुठभेड़ के बाद सुरक्षा बलों ने आसपास के क्षेत्र में व्यापक तलाशी अभियान शुरू किया. इसका मकसद यह सुनिश्चित करना है कि कोई और घुसपैठिया या संदिग्ध मौजूद न हो. घने जंगलों और पहाड़ी इलाकों में यह अभियान चुनौतीपूर्ण है, लेकिन सेना पूरी सतर्कता के साथ काम कर रही है. जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद विरोधी अभियानों में सेना लगातार सक्रिय है. इस महीने की शुरुआत में ऑपरेशन अखल के तहत अखल वन क्षेत्र में तीन आतंकवादियों को मार गिराया गया था. यह अभियान 1 अगस्त को खुफिया जानकारी के आधार पर शुरू हुआ था, जिसमें सशस्त्र आतंकवादियों की मौजूदगी की सूचना मिली थी. 2 अगस्त को हुई मुठभेड़ में तीन आतंकवादी मारे गए, जबकि एक सैनिक घायल हो गया. इस ऑपरेशन में कुल छह आतंकवादी ढेर किए गए.
गुरेज सेक्टर जैसे संवेदनशील इलाकों में घुसपैठ की कोशिशें बार-बार होती रहती हैं. घने जंगल और पहाड़ी क्षेत्र आतंकवादियों को छिपने में मदद करते हैं, लेकिन भारतीय सेना की सतर्कता ने कई बार ऐसे प्रयासों को नाकाम किया है. सैनिकों का प्रशिक्षण और खुफिया तंत्र इन अभियानों में अहम भूमिका निभाता है. स्थानीय लोगों का सहयोग भी सेना के लिए महत्वपूर्ण है. सेना ने क्षेत्र में अपनी मौजूदगी और मजबूत कर दी है. अधिकारियों का कहना है कि आतंकवाद के खिलाफ अभियान और तेज किए जाएंगे. घुसपैठ की कोशिशों को रोकने के लिए सीमा पर निगरानी बढ़ाई गई है. साथ ही, स्थानीय स्तर पर खुफिया जानकारी जुटाने पर भी जोर दिया जा रहा है.