Bengaluru Stampede: आरसीबी के जीत का जश्न मनाने चिन्नास्वामी स्टेडियम में उमड़ी अनियंत्रित भीड़ ने 11 लोगों की जान ले ली. इस घटना के बाद कर्नाटक हाईकोर्ट ने मामले को स्वत: संज्ञान लिया. आज मामले की सुनवाई के दौरान कई अहमजानकारी निकलकर सामने आई है.
कर्नाटक सरकार ने गुरुवार को उच्च न्यायालय को बताया कि आरसीबी की जीत का जश्न मनाने के लिए स्टेडियम के बाहर करीब 2.5 लाख लोग एकत्र हुए थे. महाधिवक्ता शशि किरण शेट्टी ने कहा कि निःशुल्क प्रवेश की घोषणा के कारण भारी भीड़ जमा हुई. उन्होंने बताया कि न केवल स्थानीय लोग, बल्कि राज्य के बाहर से भी कई लोग इस आयोजन में शामिल होने आए थे. इस अप्रत्याशित भीड़ ने स्थिति को नियंत्रित करना मुश्किल कर दिया.
सरकार ने कोर्ट को सूचित किया कि स्टेडियम के अंदर और बाहर कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए 1400 से अधिक पुलिस कर्मियों को तैनात किया गया था, जिनमें वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल थे. इसके बावजूद, भारी भीड़ के कारण स्थिति बेकाबू हो गई.
महाधिवक्ता ने बताया कि स्टेडियम में 21 गेट थे और निर्देश दिए गए थे कि गेट खुले रहें ताकि लोग अंदर जा सकें और व्यवस्थित तरीके से बैठ सकें. इस त्रासदी की गहन जांच के लिए सरकार ने मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दिए हैं. शेट्टी ने कोर्ट को आश्वासन दिया कि जांच की रिपोर्ट 15 दिनों के भीतर प्रस्तुत की जाएगी. उन्होंने यह भी कहा कि सरकार इस मामले में किसी भी दोषी को बख्शेगी नहीं. जांच की पूरी प्रक्रिया की वीडियो रिकॉर्डिंग की जाएगी और इसे अदालत के समक्ष पेश किया जाएगा.
उच्च न्यायालय की पीठ ने सरकार से सवाल किया कि ऐसी घटनाओं के लिए आपातकालीन वाहन और घायलों को अस्पताल पहुंचाने की व्यवस्था क्या है. पीठ ने सुझाव दिया कि इन सभी पहलुओं को मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) में शामिल किया जाना चाहिए. जवाब में शेट्टी ने कहा कि सरकार इस घटना को गंभीरता से ले रही है और जल्द ही एक व्यापक एसओपी तैयार की जाएगी. मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने इस त्रासदी पर गहरा दुख जताया और भीड़भाड़ को इसका मुख्य कारण बताया.