Eknath Shinde: महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे का आधिकारिक एक्स अकाउंट रविवार, 21 सितंबर 2025 को हैक हो गया. इस घटना ने ऑनलाइन सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए. हैकर्स ने उनके अकाउंट पर अनधिकृत पोस्ट किए, जिसमें पाकिस्तान और तुर्की के राष्ट्रीय झंडों की तस्वीरें शामिल थीं. इस घटना ने उनके अनुयायियों और राजनीतिक हलकों में हड़कंप मचा दिया.
हैकर्स ने शिंदे के अकाउंट से पाकिस्तान और तुर्की के झंडों वाले पोस्ट शेयर किए. इसके साथ ही, उन्होंने इन दोनों देशों से संबंधित तस्वीरें भी लाइव स्ट्रीम कीं. यह घटना उस दिन हुई, जब भारत और पाकिस्तान एशिया कप में अपना दूसरा मैच खेलने वाले थे. इन पोस्ट ने सोशल मीडिया पर तुरंत ध्यान आकर्षित किया और लोगों में चिंता पैदा की. हालांकि, ये पोस्ट कुछ समय बाद हटा दिए गए.
शिंदे के कार्यालय ने इस साइबर घुसपैठ की तुरंत पहचान की. उनकी तकनीकी टीम ने तेजी से कार्रवाई करते हुए अकाउंट को सुरक्षित किया. एक अधिकारी ने बताया, "हमने साइबर अपराध पुलिस को तुरंत सूचित किया. हमारी टीम ने 30 से 45 मिनट में अकाउंट को पुनः प्राप्त कर लिया." अब अकाउंट पूरी तरह सुरक्षित है और सामान्य रूप से काम कर रहा है. अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि इस दौरान किसी भी संवेदनशील जानकारी से समझौता नहीं हुआ. यह घटना भारत में सार्वजनिक हस्तियों के सामने साइबर सुरक्षा की कमजोरियों को उजागर करती है. एक्स जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का उपयोग राजनीतिक नेता जनता से सीधे संवाद के लिए करते हैं. ऐसे में, इस तरह की घटनाएँ मजबूत डिजिटल सुरक्षा उपायों की आवश्यकता को रेखांकित करती हैं. विशेषज्ञों का मानना है कि साइबर हमले बढ़ रहे हैं, और नेताओं के सोशल मीडिया अकाउंट को सुरक्षित रखना अब पहले से कहीं अधिक महत्वपूर्ण हो गया है.
महाराष्ट्र साइबर सेल ने इस हैकिंग की जाँच शुरू कर दी है. अधिकारियों का कहना है कि वे इस सेंधमारी के पीछे के लोगों की पहचान करने के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं. साइबर विशेषज्ञों की एक टीम इस मामले की तह तक जाने के लिए काम कर रही है. यह जाँच यह भी पता लगाएगी कि हैकर्स ने अकाउंट तक कैसे पहुँच बनाई और उनका मकसद क्या था. यह घटना न केवल एकनाथ शिंदे के लिए, बल्कि सभी सार्वजनिक हस्तियों के लिए एक चेतावनी है. सोशल मीडिया की बढ़ती लोकप्रियता के साथ, साइबर अपराधी ऐसे अकाउंट्स को निशाना बना रहे हैं. विशेषज्ञों का सुझाव है कि मजबूत पासवर्ड, दो-चरणीय सत्यापन और नियमित सुरक्षा जाँच जैसे कदम साइबर हमलों से बचाव में मदद कर सकते हैं.