Baba Siddique Murder Case: एनसीपी नेता बाबा सिद्दीकी की कुछ दिनों पहले गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. यह घटना उनके ऑफिस के सामने ही घटी थी. जिसके बाद से मुंबई पुलिस पर लगातार सवाल खड़े हो रहे थे. हालांकि घटना के दिन ही दो हमलावरों को गिरफ्तार कर लिया गया था, वहीं इस हत्याकांड का मुख्य आरोपी शिवकुमार उर्फ शिवा घटनास्थल से कुछ दूरी पर अपना फोन फेक कर फरार हो गया था.
मुंबई पुलिस द्वारा मुख्य आरोपी को पकड़ने के लिए कई ऑपरेशन चलाए गए. एक ऑपरेशन उत्तर प्रदेश की एसटीएफ टीम के साथ चलाया गया. जिसमें मुंबई पुसिस को सफलता मिली. घटना का मुख्य आरोपी शिवा को यूपी के बहराइच से गिरफ्तार कर लिया गया. उसके साथ अन्य चार लोगों को गिरफ्तार किया गया है.
कबूलनामें में हुआ खुलासा
मुंबई पुलिस के सामने शिवकुमार ने घटना से जुड़े कई राजों को खोला है. उसने अपने कबूलनामें में बताया कि इस घटना को अंजाम लॉरेंस बिश्नोई गैंग के इशारो पर दिया गया है. लॉरेंस बिश्नोई गैंग ने इस घटना के लिए उसे 10 लाख रुपये दिये थे. इसके अलावा हर महीने कुछ पैसे देने की भी बात कही गई थी.
मामले के बारे में बताते हुए शिवा ने बताया कि वो इस घटना से पहले कई दिनों तक सिद्दीकी की रेकी कर रहे थे. उन्हें सिद्दीकी की पूरी दिनचर्या के बारे में पता था. 12 अक्तूबर के दिन सही समय देखते हुए उन्होंने इस घटना को अंजाम दिया. आरोपी ने बातया कि इस घटना से जुड़ी सारी प्लानिंग लॉरेंस बिश्नोई का भाई अनमोल बिश्नोई के कहने पर की गई थी. उनसे बात करेने के लिए स्नैपचैट का इस्तेमाल किया जाता था. वहीं इस हत्याकांड में इस्तेमाल की गई गोलियां, सिम और बाकी सारी चीजें शुभम लोनकर और मोहम्मद यासीन अख्तर ने उपलब्ध करवाए थे.
नेपाल भागने की प्लानिंग
आरोपी शिवकुमार ने बताया कि घटना के दिन वो पुणे से यूपी की ओर भागा था.झांसी और लखनऊ के रास्ते बहराइच पहुंचा था. इसके बाद वो यहां से नेपाल भागने की प्लानिंग कर रहा था. इस दौरान कुछ लोगों ने उसकी मदद की. पुलिस ने शिवकुमार की मदद करने के आरोप में आकाश श्रीवास्तव, अनुराग कश्यप, ज्ञान प्रकाश त्रिपाठी और अखिलेशेंद्र प्रताप को भी गिरफ्तार किया है.
पकड़े गए इन सभी आरोपियों को मुंबई क्राइम ब्रांच अपने साथ मुंबई ले गई है. जहां उन्हें खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी. मुंबई पुलिस ने इस मामले में पहले से ही 11 लोगों को गिरफ्तार किया है. जिसमें दो शूटर भी शामिल हैं. बता दें कि घटना के बाद लॉरेंस गैंग की ओर से यह संदेश आया था कि इस घटना के पीछे विश्नोई गैंग का ही हाथ है. जिसके बाद पुलिस इस मामले को और भी सख्ती से जांच कर रही थी.