Mata Vaishno Devi: जम्मू-कश्मीर के रियासी ज़िले में त्रिकूट पहाड़ियों पर बसा माता वैष्णो देवी मंदिर एक बार फिर श्रद्धालुओं के लिए खुल गया है. 22 दिनों के बाद बुधवार सुबह ‘जय माता दी’ के जयकारों के बीच तीर्थयात्रा फिर से शुरू हुई. 26 अगस्त को हुए भयानक भूस्खलन में 34 लोगों की जान गई और 20 अन्य घायल हुए. जिसके कारण यात्रा रोक दी गई थी. श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड (SMVDSB) ने अनुकूल मौसम और मार्गों की मरम्मत के बाद यात्रा शुरू करने का फैसला किया.
श्राइन बोर्ड ने बताया कि मंदिर तक जाने वाले दोनों मार्गों पर सुबह 6 बजे से यात्रा शुरू हो गई. बाणगंगा दर्शनी द्वार पर सैकड़ों श्रद्धालु एकत्र हुए. कटरा शहर, जो तीर्थयात्रियों का आधार शिविर है, में इंतज़ार कर रहे भक्तों में खुशी की लहर दौड़ गई. बोर्ड ने बताया कि खराब मौसम और मार्गों के रखरखाव के कारण यात्रा अस्थायी रूप से रोकी गई थी. अब मार्ग पूरी तरह सुरक्षित हैं.
श्राइन बोर्ड ने तीर्थयात्रियों से सुरक्षा नियमों का पालन करने की अपील की है. सभी को वैध पहचान पत्र साथ रखने, निर्धारित मार्गों का उपयोग करने और कर्मचारियों के साथ सहयोग करने को कहा गया है. पारदर्शिता और सुरक्षा के लिए रेडियो फ्रीक्वेंसी पहचान पत्र (RFID) ट्रैकिंग अनिवार्य है. बोर्ड ने कहा कि हम तीर्थस्थल की पवित्रता और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं. यात्रा शुरू होने पर श्रद्धालुओं ने खुशी जताई. पुणे से आई एक महिला तीर्थयात्री ने कहा कि हम दो दिन पहले कटरा पहुंचे थे. इंतज़ार मुश्किल था, लेकिन हमें माता के दर्शन का यकीन था. एक अन्य भक्त ने कहा कि यह दिन हमारे लिए खास है. माता के दर्शन करना सौभाग्य है. हम अधिकारियों के प्रयासों के लिए आभारी हैं. मार्ग सुरक्षित होने के बाद अब नवरात्रि (22 सितंबर से 1 अक्टूबर) के दौरान भारी भीड़ की उम्मीद है. बोर्ड ने श्रद्धालुओं से आधिकारिक सूचनाओं पर नज़र रखने और सुरक्षा दिशानिर्देशों का पालन करने को कहा है.
26 अगस्त को हुए भूस्खलन ने मंदिर मार्ग को बुरी तरह प्रभावित किया था. इस हादसे में 34 लोगों की मौत और 20 लोगों के घायल होने के बाद यात्रा रोक दी गई थी. श्राइन बोर्ड ने इस दौरान श्रद्धालुओं के धैर्य की सराहना की और कहा कि आपकी आस्था और सहयोग ने इस पवित्र यात्रा को फिर से शुरू करने में मदद की. माता वैष्णो देवी की तीर्थयात्रा लाखों भक्तों के लिए आस्था का केंद्र है. यात्रा के फिर से शुरू होने से न केवल श्रद्धालुओं को राहत मिली है, बल्कि यह मंदिर की पवित्रता और सुरक्षा के प्रति बोर्ड की प्रतिबद्धता को भी दर्शाता है.