हिमाचल प्रदेश के मानसून ने मचाई तबाही, 448 लोगों की मौत के साथ हजारों करोड़ का नुकसान

हिमाचल प्रदेश इस साल के अभूतपूर्व मानसून के बाद भारी संकट से जूझ रहा है. राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एसडीएमए) की ताजा रिपोर्ट के अनुसार, 20 जून से 21 सितंबर तक मानसून से संबंधित घटनाओं और सड़क दुर्घटनाओं में 448 लोगों की जान चली गई है.

Date Updated
फॉलो करें:
Courtesy: X (@chandanrana_inc)

Himachala Weather Update: हिमाचल प्रदेश इस साल के अभूतपूर्व मानसून के बाद भारी संकट से जूझ रहा है. राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एसडीएमए) की ताजा रिपोर्ट के अनुसार, 20 जून से 21 सितंबर तक मानसून से संबंधित घटनाओं और सड़क दुर्घटनाओं में 448 लोगों की जान चली गई है. भारी बारिश, भूस्खलन, बाढ़ और बादल फटने ने राज्य में भारी तबाही मचाई है. इसके साथ ही बुनियादी ढांचे और आजीविका को भी भारी नुकसान हुआ है.

लगातार बारिश ने हिमाचल के कई इलाकों में तबाही मचाई. एसडीएमए के आंकड़ों के मुताबिक, भूस्खलन से 53 लोगों की मौत हुई, जो सबसे घातक साबित हुआ. इसके अलावा, 41 लोग डूबने और 18 लोग बादल फटने की घटनाओं में मारे गए. बिजली का झटका, घर ढहने और खड़ी ढलानों से गिरने जैसी घटनाओं ने भी मृतकों की संख्या बढ़ाई. मंडी और चंबा जिले सबसे ज्यादा प्रभावित हुए, जहां प्रत्येक में 40 से अधिक वर्षाजनित मौतें दर्ज की गईं. 

सड़क दुर्घटनाओं ने बढ़ाया संकट

हिमाचल की दुर्गम पहाड़ी सड़कों ने इस मानसून में और अधिक खतरा पैदा किया. सड़क दुर्घटनाओं में 187 लोगों की जान चली गई. चंबा और मंडी में 24-24, शिमला और सोलन में 25-25, जबकि किन्नौर जैसे कम आबादी वाले जिले में भी 15 लोगों की मौत सड़क हादसों में हुई. खराब मौसम और सड़कों की खस्ता हालत ने इन हादसों को और बढ़ावा दिया. मानसून ने हिमाचल के बुनियादी ढांचे को भी नहीं बख्शा. एसडीएमए के अनुसार, कुल नुकसान ₹4,841.79 करोड़ से अधिक का है. लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) को ₹2,98,113 लाख का नुकसान हुआ, जिसमें ज्यादातर सड़कें और पुल क्षतिग्रस्त हुए. जल आपूर्ति योजनाओं को ₹1,46,385 लाख और बिजली के ढांचे को ₹13,946 लाख का नुकसान हुआ. यह नुकसान राज्य की अर्थव्यवस्था के लिए बड़ा झटका है.

कृषि और पशुधन पर असर

मानसून की मार से कृषि और पशुधन क्षेत्र भी बुरी तरह प्रभावित हुआ है. 29,000 से अधिक जानवर मरे, जिनमें 26,000 से ज्यादा मुर्गियां शामिल हैं. 663 घर पूरी तरह नष्ट हो गए, जबकि 1,000 से अधिक आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हुए. इसके अलावा, 2,300 से ज्यादा गौशालाएं तबाह हुईं, जिसने ग्रामीण परिवारों की आजीविका को गहरा आघात पहुंचाया. एसडीएमए के प्रवक्ता ने बताया कि राज्य सरकार प्रभावित इलाकों में बुनियादी सेवाएं बहाल करने में जुटी है. हालांकि, स्थिति अभी भी गंभीर बनी हुई है. उन्होंने लोगों से मौसम संबंधी चेतावनियों पर ध्यान देने और सतर्क रहने की अपील की है. हिमाचल प्रदेश इस मानसून की मार से उबरने की कोशिश कर रहा है, लेकिन चुनौतियां अभी भी बरकरार हैं. सरकार और नागरिकों को मिलकर इस संकट का सामना करना होगा. 

Tags :