Monsoon Update: उत्तरी भारत के कई राज्य मानसून की भारी बारिश की चपेट में हैं. भारतीय मौसम विभाग ने पंजाब, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के कई हिस्सों के लिए रेड अलर्ट जारी किया है. लगातार बारिश से बाढ़ और भूस्खलन का खतरा बढ़ गया है. निचले इलाकों में जलभराव की स्थिति गंभीर हो रही है.
हिमाचल प्रदेश में मानसून के कारण काफी नुकसान हुआ है. चंबा और शिमला जैसे क्षेत्रों में प्राकृतिक आपदाओं ने कहर बरपाया. चंबा में मणिमहेश यात्रा के दौरान 16 श्रद्धालुओं की मौत हो गई. खराब मौसम के कारण यात्रा पर रोक लगानी पड़ी, जिससे 15,000 से अधिक श्रद्धालु फंस गए. राज्य में अब तक 300 से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है. शिमला में भूस्खलन से एक घर दब गया, जिसमें तीन लोगों की मौत हो गई.
राज्य में सड़कों और बुनियादी ढांचे को भारी नुकसान हुआ है. तीन राष्ट्रीय राजमार्ग, 819 सड़कें, 1,236 बिजली ट्रांसफार्मर और 424 जलापूर्ति योजनाएं प्रभावित हुई हैं. चंबा में 253, मंडी में 206, कुल्लू में 175 और कांगड़ा में 61 सड़कें बंद हैं. ऊना, बिलासपुर, सोलन और सिरमौर में अगले तीन दिनों तक भारी बारिश का अलर्ट है. बचाव दल कठिन परिस्थितियों में राहत कार्य कर रहे हैं. उत्तराखंड में भी स्थिति चिंताजनक है. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अगले 24-48 घंटों को महत्वपूर्ण बताया है. उन्होंने कहा कि कई जिले रेड और ऑरेंज अलर्ट पर हैं. प्रशासन, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ पूरी तरह अलर्ट हैं. अल्मोड़ा, नैनीताल, उधम सिंह नगर और चंपावत में रेड अलर्ट जारी है. अन्य जिलों के लिए ऑरेंज चेतावनी दी गई है. नानक सागर बांध पर भी नजर रखी जा रही है, जो खतरे के निशान से 5 फीट नीचे है. प्रभावित लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया जा रहा है.
पंजाब में बाढ़ की गंभीर स्थिति को देखते हुए सभी कॉलेज, विश्वविद्यालय और शैक्षणिक संस्थान 3 सितंबर तक बंद कर दिए गए हैं. शिक्षा मंत्री हरजोत सिंह बैंस ने कहा कि छात्रावासों में रहने वाले छात्रों की सुरक्षा प्रशासन की जिम्मेदारी है. पंजाब के गुरदासपुर, होशियारपुर, कपूरथला, जालंधर, पटियाला और नवाशहर में रेड अलर्ट है. इसके अलावा अन्य जिलों में ऑरेंज और येलो चेतावनी जारी की गई है. सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में पीने का पानी और राहत सामग्री बांट रहा है. तीनों राज्यों में प्रशासन और बचाव टीमें दिन-रात काम कर रही हैं. लोगों से स्थानीय अधिकारियों के दिशानिर्देशों का पालन करने की अपील की गई है. मौसम विभाग की ओर से अभी सतर्क रहने के लिए कहा गया है. बाढ़ और भूस्खलन से प्रभावित लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने और राहत सामग्री उपलब्ध कराने के प्रयास तेज कर दिए गए हैं.