मणिपुर में शांति की नई पहल, केंद्र और कुकी-ज़ो समूहों के बीच समझौता

त्रिपक्षीय संचालन निलंबन (एसओओ) समझौते को भी संशोधित किया गया है. इसमें नए आधारभूत नियम शामिल हैं, जो तत्काल प्रभाव से लागू होंगे. ये नियम अगले एक साल तक प्रभावी रहेंगे. संशोधित शर्तें मणिपुर की क्षेत्रीय सीमाओं को बनाए रखने पर जोर देती हैं.

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Courtesy: Social Media

 Manipur Peace Agreement: केंद्र और मणिपुर सरकार ने कुकी-ज़ो समूहों के साथ एक महत्वपूर्ण समझौते को अंतिम रूप दिया है. यह समझौता मणिपुर की क्षेत्रीय अखंडता को मजबूत करता है. नई दिल्ली में हुई चर्चा के बाद इस पर हस्ताक्षर किए गए. यह कदम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सितंबर के दूसरे सप्ताह में प्रस्तावित मणिपुर यात्रा से पहले उठाया गया है. इस समझौते से राज्य में शांति और स्थिरता की उम्मीद बढ़ी है.

समझौते का एक प्रमुख प्रावधान राष्ट्रीय राजमार्ग-2 को फिर से खोलना है. यह मार्ग यात्रियों और आवश्यक वस्तुओं की आवाजाही के लिए महत्वपूर्ण है. कुकी-ज़ो परिषद (केज़ेडसी) ने इस मार्ग पर शांति बनाए रखने के लिए सुरक्षा बलों के साथ सहयोग करने का वादा किया है. यह निर्णय गृह मंत्रालय और केज़ेडसी के बीच कई दौर की बैठकों के बाद लिया गया. इससे क्षेत्र में व्यापार और आवागमन को बढ़ावा मिलेगा.

त्रिपक्षीय समझौते में संशोधन  

त्रिपक्षीय संचालन निलंबन (एसओओ) समझौते को भी संशोधित किया गया है. इसमें नए आधारभूत नियम शामिल हैं, जो तत्काल प्रभाव से लागू होंगे. ये नियम अगले एक साल तक प्रभावी रहेंगे. संशोधित शर्तें मणिपुर की क्षेत्रीय सीमाओं को बनाए रखने पर जोर देती हैं. यह कदम क्षेत्र में स्थिरता और शांति को बढ़ावा देने के लिए उठाया गया है. कुकी राष्ट्रीय संगठन और यूनाइटेड पीपुल्स फ्रंट ने अपने सात शिविरों को संघर्षग्रस्त क्षेत्रों से हटाने का फैसला किया है. इस कदम का मकसद तनाव कम करना और शांति प्रक्रिया को मजबूत करना है. इसके अलावा, समझौते में निर्धारित शिविरों की संख्या घटाने और हथियारों को सीआरपीएफ या बीएसएफ शिविरों में स्थानांतरित करने का प्रावधान है. ये उपाय क्षेत्र में सुरक्षा बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण हैं.

विदेशी नागरिकों पर नजर  

समझौते के तहत सुरक्षा बलों द्वारा कैडरों का कठोर भौतिक सत्यापन किया जाएगा. इसका उद्देश्य समूहों में मौजूद किसी भी विदेशी नागरिक की पहचान करना और उसे सूची से हटाना है. यह प्रक्रिया क्षेत्र में व्यवस्था और सुरक्षा बनाए रखने की व्यापक रणनीति का हिस्सा है. इससे अवैध गतिविधियों पर रोक लगेगी. एक संयुक्त निगरानी समूह इन नए नियमों के पालन पर नजर रखेगा.  जरूरत पड़ने पर एसओओ समझौते की समीक्षा भी की जा सकती है. यह समूह शांति प्रयासों को निरंतर बनाए रखने के लिए काम करेगा. इसका लक्ष्य मणिपुर में स्थायी शांति सुनिश्चित करना है. यह समझौता मणिपुर में शांति और विकास की दिशा में एक बड़ा कदम है. राष्ट्रीय राजमार्ग-2 का खुलना, शिविरों का स्थानांतरण और सख्त निगरानी जैसे कदम राज्य में स्थिरता लाने में मदद करेंगे. यह समझौता न केवल स्थानीय समुदायों के लिए, बल्कि पूरे क्षेत्र के लिए एक सकारात्मक संदेश है. मणिपुर अब शांति और समृद्धि की ओर बढ़ रहा है.  

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