नई दिल्ली: भारतीय चुनाव आयोग ने मंगलवार को जन सुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर को बड़ा नोटिस भेजा. उन पर बिहार और पश्चिम बंगाल दोनों राज्यों में मतदाता के रूप में नामांकित होने का आरोप है. यह मामला चुनावी नियमों का उल्लंघन बताता है.
प्रशांत किशोर का नाम पश्चिम बंगाल और बिहार की मतदाता सूची में दर्ज है. बिहार में वे करगहर विधानसभा क्षेत्र के मतदाता हैं. उनका मतदान केंद्र रोहतास जिले के मध्य विद्यालय, कोनार है. कोनार उनका पैतृक गांव है.
पश्चिम बंगाल में उनका पता कोलकाता के 121 कालीघाट रोड दिखाया गया है. यह पता तृणमूल कांग्रेस का पार्टी कार्यालय है. यह मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भवानीपुर निर्वाचन क्षेत्र में आता है. यहां उनका मतदान केंद्र निर्मल हृदय स्कूल, बीडन स्ट्रीट है. मतदाता पहचान पत्र संख्या IUJ1323718 है. चुनाव आयोग ने जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1950 की धारा 17 का हवाला दिया. इस धारा के तहत कोई व्यक्ति एक से ज्यादा निर्वाचन क्षेत्रों में मतदाता नहीं बन सकता. उल्लंघन पर धारा 31 के तहत सजा का प्रावधान है. नोटिस में कहा गया कि तीन दिनों में स्पष्टीकरण दें. आयोग ने पूछा कि एक से ज्यादा जगह नाम क्यों दर्ज है.
प्रशांत किशोर चुनावी रणनीतिकार से नेता बने हैं. उनकी जन सुराज पार्टी बिहार विधानसभा चुनाव लड़ रही है. साल 2021 में वे पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में तृणमूल कांग्रेस के सलाहकार थे. उस दौरान वे कोलकाता में पार्टी कार्यालय आते-जाते थे. वार्ड 73 की टीएमसी पार्षद कजरी बनर्जी ने बताया कि वह टीएमसी में काम के दौरान यहां ठहरते थे.
कजरी ममता बनर्जी की भाभी हैं. उन्होंने कहा कि मुझे नहीं पता उन्होंने यहीं से मतदाता नामांकन कराया या नहीं. किशोर की टीम के वरिष्ठ सदस्य ने कहा कि बंगाल चुनाव के बाद वे बिहार में मतदाता बने. टीम ने दावा किया कि बंगाल का मतदाता कार्ड रद्द करने के लिए आवेदन किया है. लेकिन आवेदन की स्थिति स्पष्ट नहीं है. बिहार के मुख्य निर्वाचन अधिकारी विनोद सिंह गुंजियाल ने सवालों का जवाब नहीं दिया.