PM Modi on Milad-un-Nabi: भारत में आज दो महत्वपूर्ण अवसर मनाए जा रहे हैं. मिलाद-उन-नबी और शिक्षक दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशवासियों को शुभकामनाएं दीं. उन्होंने शांति, करुणा और शिक्षा के महत्व पर जोर दिया. यह दिन आस्था, एकता और राष्ट्र निर्माण को समर्पित है.
प्रधानमंत्री मोदी ने मिलाद-उन-नबी के अवसर पर देशवासियों को बधाई दी. यह दिन इस्लाम के संस्थापक पैगंबर मुहम्मद साहब के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है. पीएम ने X पर अपने संदेश में लिखा कि यह पवित्र दिन हमारे समाज में शांति और खुशहाली लाए. करुणा, सेवा और न्याय के मूल्य हमारा मार्गदर्शन करें. ईद मुबारक! देश भर में लोग प्रार्थनाओं, सामुदायिक आयोजनों और पैगंबर की शिक्षाओं को याद करके यह दिन मना रहे हैं. उनकी शिक्षाएं करुणा, मानवता और न्याय पर केंद्रित हैं.
भारत में आज शिक्षक दिवस भी मनाया जा रहा है. यह दिन भारत के दूसरे राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जयंती के उपलक्ष्य में मनाया जाता है. वे एक महान दार्शनिक और शिक्षक थे. पीएम मोदी ने शिक्षकों की प्रशंसा की. उन्होंने कहा, "शिक्षक युवा मन को पोषित करते हैं. उनकी प्रतिबद्धता और करुणा समाज को आकार देती है." यह दिन शिक्षकों के समर्पण को सम्मान देने का अवसर है. स्कूलों और कॉलेजों में छात्र अपने शिक्षकों को धन्यवाद दे रहे हैं. डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्म 5 सितंबर को हुआ था. वे शिक्षा और दर्शन के क्षेत्र में एक प्रेरणादायक व्यक्तित्व थे. उन्होंने शिक्षा को समाज के विकास का आधार माना. शिक्षक दिवस उनकी दूरदर्शिता और योगदान को याद करने का दिन है. पीएम मोदी ने उनके विचारों को प्रेरणा का स्रोत बताया. यह दिन हमें शिक्षकों की भूमिका को समझने और उनकी मेहनत को सराहने का मौका देता है.
इस साल 5 सितंबर का दिन खास है. यह मिलाद-उन-नबी और शिक्षक दिवस दोनों को समेटे हुए है. एक ओर यह आस्था और भाईचारे का प्रतीक है, तो दूसरी ओर शिक्षा और समर्पण का उत्सव है. पीएम मोदी ने अपने संदेश में इन दोनों अवसरों के मूल्यों को रेखांकित किया. उन्होंने कहा कि करुणा, सेवा और शिक्षा समाज को मजबूत बनाते हैं. देश भर में मिलाद-उन-नबी के मौके पर मस्जिदों में विशेष प्रार्थनाएँ हो रही हैं. लोग पैगंबर की शिक्षाओं को अपनाने का संकल्प ले रहे हैं. वहीं, शिक्षक दिवस पर स्कूलों में कार्यक्रम आयोजित हो रहे हैं. छात्र अपने शिक्षकों को उपहार, पत्र और भाषणों के जरिए सम्मान दे रहे हैं. दोनों अवसर देश में एकता और प्रेरणा का संदेश दे रहे हैं.