Punjab: CM भगवंत मान ने शूरवीरों को दी शहादत, दिसंबर में किसी प्रकार का जश्न नहीं

Punjab: पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान बैटल ऑफ सारागढ़ी के शूरवीरों को उनकी शहादत दिवस पर श्रद्धांजलि देने बीते दिन सारागढ़ी गुरुद्वारा साहिब पहुंचे थे. जहां सबसे पूर्व मान ने प्राणों के बलिदान देने वाले 21 योद्धाओं को नमन करके अखंड साहिब पाठ में उपस्थित हुए. जिसके उपरांत सारागढ़ी वार मेमोरियल की नींव भी रखी. […]

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Punjab: पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान बैटल ऑफ सारागढ़ी के शूरवीरों को उनकी शहादत दिवस पर श्रद्धांजलि देने बीते दिन सारागढ़ी गुरुद्वारा साहिब पहुंचे थे. जहां सबसे पूर्व मान ने प्राणों के बलिदान देने वाले 21 योद्धाओं को नमन करके अखंड साहिब पाठ में उपस्थित हुए. जिसके उपरांत सारागढ़ी वार मेमोरियल की नींव भी रखी. जिसके बाद ऐलान किया कि गुरु गोबिंद सिंह के साहिबजादों की शहादत के कारण दिसंबर महीने में पंजाब के अंदर किसी तरह का जश्न नहीं होगा.

सीएम का बयान

सीएम ने बताया कि इससे पहले की सरकार ने यहां पर सारागढ़ी वार मेमोरियल बनाने की बात कही थी, जिसके लिए वर्ष 2019 में 1 करोड़ रुपए जारी भी किए थे, परन्तु काम को शुरू नहीं किया गया. क्योंकि इसके निर्माण के लिए 25 लाख रुपए की और आवश्यकता थी. इससे शहीदो के लिए पिछली सरकारों के विचारों का पता लगता है. मान ने ऐलान किया कि 21 सिख शूरवीरों की याद में स्मारक के निर्माण कार्य को 6 महीनों में बनाकर तैयार कर दिया जाएगा. इसके लिए फंडों की कोई कमी नहीं की जाएगी. मान कहते हैं कि सारागढ़ी जंग के दरमियान सैनिकों की शौर्य गाथा अथवा बलिदान हमारी आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करेगी.

फिरोजपुर में पर्यटन हब

सीएम ने फिरोजपुर जिले को पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित करने का ऐलान करते हुए बताया कि सारागढ़ी स्मारक एवं हुसैनीवाला में शहीद सुखदेव, शहीद भगत सिंह, राजगुरू ने शहीदी दी थी. वो इसी जिले में आते हैं. ऐसे ऐतिहासिक महत्ता वाले स्थानों को दुनिया के सैलानियों को देखने योग्य बनाया जाएगा.

खुशी समागम दिसंबर महीने में नहीं होगा

आपको बता दें कि सिखों के दसमेश पिता श्री गुरु गोबिन्द सिंह जी के साहिबजादे एवं माता गुजरी जी दिसंबर महीने में ही शहीद हुए थे, जिसकी वजह से समूची कौम के तौर पर ये महीना शोक का महीना माना जाता है. सीएम ने पहले ही अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए थे कि भविष्य में इस महीने के दरमियान सरकारी स्तर पर किसी प्रकार की खुशी नहीं मनाई जाएगी. लोगों के द्वारा साहिबजादों को सच्ची श्रद्धांजलि दी जाएगी.