'MiG 21 सिर्फ एक विमान नहीं साहस और समर्पण का प्रतीक', फेयरवेल कार्यक्रम में बोले राजनाथ सिंह

Rajnath Singh on MiG 21: भारतीय वायु सेना (IAF) ने अपने ऐतिहासिक मिग-21 लड़ाकू विमान को शुक्रवार को औपचारिक रूप से सेवानिवृत्त कर दिया. चंडीगढ़ में आयोजित एक भावुक समारोह में इस विमान ने अपनी अंतिम उड़ान भरी.

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Courtesy: Social Media

Rajnath Singh on MiG 21: भारतीय वायु सेना (IAF) ने अपने ऐतिहासिक मिग-21 लड़ाकू विमान को शुक्रवार को औपचारिक रूप से सेवानिवृत्त कर दिया. चंडीगढ़ में आयोजित एक भावुक समारोह में इस विमान ने अपनी अंतिम उड़ान भरी. लगभग साठ वर्षों की शानदार सेवा के बाद मिग-21 ने भारतीय सैन्य विमानन में एक युग का अंत किया. इस अवसर पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने विमान की अद्वितीय विरासत को श्रद्धांजलि दी.  

1962 में भारतीय वायु सेना में शामिल मिग-21 देश का पहला सुपरसोनिक लड़ाकू विमान था. इसकी तेज गति ने इसे वायु सेना की रीढ़ बनाया. दशकों तक इसने भारत को कई युद्धों में बढ़त दिलाई. 1971 के भारत-पाक युद्ध, कारगिल युद्ध, बालाकोट हवाई हमले और ऑपरेशन सिंदूर में मिग-21 ने निर्णायक भूमिका निभाई. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि मिग-21 ने हर मौके पर सशस्त्र बलों को असीम ताकत दी. इसका योगदान कभी भुलाया नहीं जा सकता.

ऐतिहासिक समारोह में दी गई विदाई  

चंडीगढ़ में आयोजित समारोह में मिग-21 की अंतिम उड़ान ने सभी को भावुक कर दिया. रक्षा मंत्री ने इस अवसर पर मिग-21 की वीरतापूर्ण कहानियों को याद किया. उन्होंने कहा कि यह विमान सिर्फ एक मशीन नहीं, बल्कि भारतीय वायु सेना के साहस और समर्पण का प्रतीक है. समारोह में वायु सेना के वरिष्ठ अधिकारी, पूर्व पायलट और सैन्य कर्मी मौजूद थे. मिग-21 की सेवानिवृत्ति ने एक गौरवशाली अध्याय को समाप्त किया.  मिग-21 की विदाई के साथ भारतीय वायु सेना आधुनिक युग में प्रवेश कर रही है. स्वदेशी लड़ाकू विमान तेजस अब इसकी जगह लेगा. तेजस अपनी उन्नत तकनीक और क्षमताओं के साथ वायु सेना को और मजबूत करेगा. रक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि यह बदलाव भारत की सैन्य ताकत को नई ऊँचाइयों तक ले जाएगा. मिग-21 की सेवानिवृत्ति न केवल एक विमान का अंत है, बल्कि आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक बड़ा कदम है.  

मिग-21 की इतिहास में भी अमिट छाप

मिग-21 ने भारतीय वायु सेना को कई ऐतिहासिक जीत दिलाई. इसकी सादगी, ताकत और विश्वसनीयता ने इसे पायलटों का पसंदीदा बनाया. इसने न केवल युद्ध के मैदान में अपनी क्षमता साबित की, बल्कि भारत के सैन्य इतिहास में भी अमिट छाप छोड़ी. रक्षा मंत्री ने कहा, "मिग-21 की कहानी आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करती रहेगी. मिग-21 की विदाई के साथ भारतीय वायु सेना एक नए युग में कदम रख रही है. स्वदेशी तकनीक और आधुनिक विमानों के साथ भारत की सैन्य शक्ति और सशक्त होगी. यह समारोह न केवल एक विमान की विदाई थी, बल्कि भारत के आत्मनिर्भर भविष्य का स्वागत भी था. मिग-21 की स्मृतियां हमेशा भारतीय वायु सेना के गौरवशाली इतिहास का हिस्सा रहेंगी.  

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