पाकिस्तान पर राजनाथ सिंह का करारा प्रहार, आतंकवाद को नीति बनाने वालों की खुली आलोचना

राजनाथ सिंह ने बिना नाम लिए पाकिस्तान पर तंज कसा. उन्होंने कहा कि कुछ देश सीमा पार आतंकवाद को अपना हिस्सा मानते हैं. वे आतंकियों को पनाह देते हैं. ऐसे दोहरे रवैये को बर्दाश्त नहीं करना चाहिए.

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Courtesy: Social Media

Rajnath Singh: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने चीन के क़िंगदाओ में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की बैठक में पाकिस्तान पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने आतंकवाद को नीति का हिस्सा बनाने और आतंकियों को पनाह देने वाले देशों की कड़ी आलोचना की. यह बयान 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के संदर्भ में आया, जिसमें 26 लोग मारे गए थे. 

राजनाथ सिंह ने बिना नाम लिए पाकिस्तान पर तंज कसा. उन्होंने कहा कि कुछ देश सीमा पार आतंकवाद को अपना हिस्सा मानते हैं. वे आतंकियों को पनाह देते हैं. ऐसे दोहरे रवैये को बर्दाश्त नहीं करना चाहिए. उन्होंने एससीओ से ऐसे देशों की निंदा करने की अपील की. सिंह ने पहलगाम हमले का जिक्र करते हुए कहा कि यह लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) के पुराने हमलों जैसा था. इस हमले में एक नेपाली नागरिक और एक स्थानीय टट्टू संचालक समेत 26 लोग मारे गए थे. 

आतंकवाद हर हाल में गलत 

रक्षा मंत्री ने बताया कि भारत ने आतंकवाद से निपटने के लिए कड़े कदम उठाए हैं. उन्होंने कहा कि पहलगाम हमले के पैटर्न से साफ है कि यह लश्कर-ए-तैयबा का काम था. भारत की ओर से 7 मई के तड़के ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया गया था. इस ऑपरेशन से सीमा पार आतंकी ढांचे को नष्ट किया गया. सिंह ने कहा कि भारत आतंकवाद के खिलाफ अपनी रक्षा करने के लिए प्रतिबद्ध है. राजनाथ सिंह ने एससीओ देशों से आतंकवाद की कड़ी निंदा करने को कहा है. उन्होंने जोर देकर कहा कि आतंकवाद का कोई भी कृत्य आपराधिक है. इसे किसी भी हाल में सही नहीं बताया जा सकता है. उन्होंने आतंकियों, उनके आयोजकों, वित्तपोषकों और प्रायोजकों को सजा दिलाने की जरूरत बताई. सिंह ने कहा कि आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक स्तर पर एकजुट होना जरूरी है. 

चीन में एससीओ रक्षा मंत्रियों की बैठक

पहलगाम 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले में आतंकियों ने लोगों को उनकी धार्मिक पहचान के आधार पर निशाना बनाया. अधिकारियों ने इस हमले के लिए लश्कर-ए-तैयबा के छद्म संगठन द रेजिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ) को जिम्मेदार ठहराया. संयुक्त राष्ट्र ने टीआरएफ को आतंकी संगठन घोषित किया है. इस हमले ने एक बार फिर सीमा पार आतंकवाद की गंभीर समस्या को उजागर किया. 25-26 जून को हो एससीओ रक्षा मंत्रियों की बैठक आयोजित की गई है. जहां भारत, चीन, रूस, पाकिस्तान समेत कुल 10 देश शामिल हैं. बैठक की थीम है 'शंघाई भावना को कायम रखना: एससीओ आगे बढ़ रहा है.' राजनाथ सिंह के चीनी और रूसी समकक्षों के साथ द्विपक्षीय वार्ता करने की भी उम्मीद है. सीमा सुरक्षा और आतंकवाद विरोधी सहयोग इस बैठक के मुख्य मुद्दे हैं. 

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