मुंबई शहर के पवई इलाके में गुरुवार को एक चौंकाने वाली घटना हुई. रोहित आर्या नाम का व्यक्ति एक ऑडिशन थिएटर में घुस गया और सत्रह बच्चों को बंधक बना लिया. उसके पास एक एयरगन और ज्वलनशील स्प्रे था. बच्चों को कथित तौर पर ऑडिशन के लिए बुलाया गया था.
देर रात यह घटना हुई और पुलिस ने साढ़े तीन घंटे तक बचाव अभियान चलाया. अंत में बच्चों को सुरक्षित निकाल लिया गया और आर्या को गोली मारकर मार दिया गया. यह थिएटर महावीर क्लासिक नाम की इमारत में आरए स्टूडियो था. आर्या ने बच्चों को नुकसान पहुंचाने का इरादा नहीं बताया लेकिन सरकार से बात करने की जिद की.
बंधक बनाने के दौरान आर्या ने एक वीडियो बनाया. इसमें उसने कहा कि वह सरकार से बकाया राशि चुकाने के लिए यह सब कर रहा है. उसकी मांगें सरल नैतिक और नैतिक हैं. उसने स्पष्ट कहा मैं आतंकवादी नहीं हूं और मेरी कोई आर्थिक मांग नहीं है और मेरी मांगें बिल्कुल भी अनैतिक नहीं हैं. वह महाराष्ट्र शिक्षा विभाग से दो करोड़ रुपये मांग रहा था. आर्या का कहना था कि विभाग कुछ लोगों से बात करे और उसका बकाया दे. वीडियो में उसने बच्चों को चोट न पहुंचाने की बात दोहराई. यह वीडियो घटना के दौरान रिकॉर्ड हुआ जब वह थिएटर में था.
रोहित आर्या पहले स्वच्छता जागरूकता से जुड़े काम करता था. वह प्रोजेक्ट लेट्स चेंज का निदेशक था. यह प्रोजेक्ट स्वच्छता मॉनिटर नाम से चलता था. महाराष्ट्र सरकार के प्राथमिक शिक्षा विभाग ने 2022 में इसे माझी शाला सुंदर शाला पहल के तहत अपनाया. शिवसेना नेता दीपक केसर कर शिक्षा मंत्री थे. उन्होंने 2022 से 2024 तक आर्या को पायलट आधार पर यह कार्यक्रम चलाने को कहा. पिछले साल आर्या ने शिकायत की कि विभाग उसका पैसा रोक रहा है. केसर कर ने उसे कुछ पैसे व्यक्तिगत तौर पर दिए. आर्या की फर्म अप्सरा मीडिया एंटरटेनमेंट नेटवर्क थी. इसने स्वच्छता पर लघु फिल्में और वृत्तचित्र बनाए. लेकिन आर्या का दावा था कि विभाग ने इनका इस्तेमाल किया बिना श्रेय या भुगतान दिए.
पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि जुलाई अगस्त 2024 और अक्टूबर 2024 में आर्या धरने पर बैठा. वह सरकारी बंगले और आजाद मैदान के बाहर विरोध करता रहा. फेसबुक पर स्वच्छता मॉनिटर अकाउंट से वह अक्सर पोस्ट करता था. इनमें भुगतान न मिलने की बात होती थी. वह कहता था कि उसके साथ अन्याय हुआ और उसे अनिश्चित काल तक विरोध करना पड़ रहा है. आर्या की पत्नी अंजलि आर्य ने मीडिया को बताया कि पति परियोजना के स्वीकृत पैसे पाने के लिए संघर्ष कर रहे थे. यह परियोजना केसरकर ने मंजूर की थी. आर्या फिल्म निर्माता और कार्यकर्ता भी था.