सैम पित्रोदा के बयान से नया विवाद, पाकिस्तान में 'घर जैसा' महसूस होने पर भाजपा का हमला

भारतीय ओवरसीज कांग्रेस के प्रमुख सैम पित्रोदा के एक बयान ने नया राजनीतिक विवाद खड़ा कर दिया है. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान की यात्रा के दौरान उन्हें घर जैसा महसूस हुआ. इस टिप्पणी पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने कांग्रेस पर तीखा हमला बोला और इसे पाकिस्तान के प्रति नरम रुख का सबूत बताया.

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Courtesy: Social Media

Sam Pitroda: भारतीय ओवरसीज कांग्रेस के प्रमुख सैम पित्रोदा के एक बयान ने नया राजनीतिक विवाद खड़ा कर दिया है. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान की यात्रा के दौरान उन्हें घर जैसा महसूस हुआ. इस टिप्पणी पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने कांग्रेस पर तीखा हमला बोला और इसे पाकिस्तान के प्रति नरम रुख का सबूत बताया. आइए, इस विवाद को विस्तार से समझते हैं.

सैम पित्रोदा ने हाल ही में भारत की विदेश नीति पर अपने विचार साझा किए. उन्होंने पड़ोसी देशों - पाकिस्तान, बांग्लादेश और नेपाल - के साथ मजबूत रिश्ते बनाने की बात कही. पित्रोदा ने अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि मैं जब पाकिस्तान गया, मुझे वहां घर जैसा लगा. बांग्लादेश और नेपाल में भी ऐसा ही अनुभव हुआ. उन्होंने सांस्कृतिक समानताओं और "समान जीन पूल" का हवाला देते हुए शांति और सद्भाव की जरूरत पर जोर दिया. हालांकि, उन्होंने आतंकवाद और हिंसा जैसी चुनौतियों को भी स्वीकार किया. लेकिन उनके घर जैसा बयान ने विवाद को जन्म दे दिया.

भाजपा की तीखी प्रतिक्रिया

भाजपा ने पित्रोदा के बयान को तुरंत निशाना बनाया. पार्टी प्रवक्ता प्रदीप भंडारी ने इसे कांग्रेस की कमजोर विदेश नीति का उदाहरण बताया. उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, "राहुल गांधी के करीबी सैम पित्रोदा कहते हैं कि उन्हें पाकिस्तान में घर जैसा लगा. कोई आश्चर्य नहीं कि यूपीए सरकार ने 26/11 हमले के बाद भी पाकिस्तान पर सख्त कार्रवाई नहीं की. भंडारी ने कांग्रेस पर पाकिस्तान के प्रति सहानुभूति रखने का आरोप लगाया. भाजपा का कहना है कि यह बयान कांग्रेस की राष्ट्रीय सुरक्षा के प्रति लापरवाही को दर्शाता है.

राष्ट्रीय सुरक्षा नीति पर पुरानी बहस

पित्रोदा का बयान भारत-पाकिस्तान संबंधों और राष्ट्रीय सुरक्षा नीति पर पुरानी बहस को फिर से हवा दे रहा है. भाजपा ने कांग्रेस के शासनकाल में विदेश नीति को कमजोर बताते हुए इस मुद्दे को और भुनाने की कोशिश की है. दूसरी ओर, कांग्रेस ने अभी तक इस बयान पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है. पार्टी के मौन रहने से विपक्ष को और हमला करने का मौका मिल रहा है. यह विवाद ऐसे समय में उभरा है, जब भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव पहले से ही चर्चा में है. पित्रोदा का बयान, जो शांति और सहयोग की बात करता है, गलत समय पर गलत संदर्भ में लिया गया. विशेषज्ञों का मानना है कि यह बयान कांग्रेस के लिए राजनीतिक रूप से नुकसानदेह हो सकता है. खासकर, जब राष्ट्रीय सुरक्षा और विदेश नीति मतदाताओं के लिए अहम मुद्दे बने हुए हैं.

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