Shashi Tharoor: कांग्रेस नेता शशि थरूर को अपने ही पार्टी के अंदर विरोध का सामना करना पड़ रहा है. इसी बीच उन्होंने शनिवार को कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए सभी पार्टियों को एकजुट होकर काम करना चाहिए. कोच्चि में 'शांति, सद्भाव और राष्ट्रीय विकास' विषय पर आयोजित एक कार्यक्रम में उन्होंने यह बात कही. थरूर ने जोर देकर कहा कि राष्ट्र सर्वोपरि है और पार्टियाँ केवल देश को बेहतर बनाने का जरिया हैं.
थरूर ने कहा कि हमारी पहली निष्ठा राष्ट्र के प्रति होनी चाहिए. उन्होंने बताया कि हर पार्टी को बेहतर भारत बनाने के अपने तरीके पर असहमति का हक है. लेकिन राष्ट्रीय हित में सभी को मिलकर काम करना चाहिए. थरूर ने कहा कि राजनीति प्रतिस्पर्धा पर आधारित है, लेकिन मुश्किल समय में यह बाधा नहीं बननी चाहिए.
थरूर ने ऑपरेशन सिंदूर और राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े मुद्दों पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार का समर्थन करने की बात कही. उन्होंने बताया कि इसके लिए उनकी आलोचना हुई, लेकिन वह अपने रुख पर कायम हैं. थरूर ने कहा कि मैंने सरकार और सशस्त्र बलों का समर्थन किया, क्योंकि यह देश के हित में है. कांग्रेस नेतृत्व के साथ तनाव की खबरों पर थरूर ने कहा कि हम अपनी पार्टी के मूल्यों का सम्मान करते हैं. लेकिन राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए दूसरी पार्टियों के साथ सहयोग जरूरी है. उन्होंने माना कि कुछ पार्टियां के मुताबिक यह विश्वासघात है, जिसकी वजह से परेशानी होती है. थरूर ने कहा कि वह हमेशा से समावेशी विकास और राष्ट्रीय हित में विश्वास करते हैं. संवाददाताओं से बातचीत में थरूर ने कहा कि मैं भारत इसलिए लौटा ताकि देश की सेवा कर सकूं. उन्होंने बताया कि ‘राष्ट्र प्रथम’ उनका मार्गदर्शक सिद्धांत है. थरूर ने कहा कि वह राजनीति के जरिए और उससे बाहर भी देश की सेवा करना चाहते हैं.
थरूर को ऑपरेशन सिंदूर पर सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करने की जिम्मेदारी मिली थी. इससे पार्टी के भीतर तनाव की अटकलें बनीं. एक छात्र के सवाल पर उन्होंने कहा कि वह सार्वजनिक रूप से ऐसी चर्चाओं से बचते हैं. लेकिन उन्होंने एक वीडियो साझा कर अपनी बात दोहराई कि राष्ट्रीय हित में दलों को एकजुट होना चाहिए. थरूर ने पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के कथन, अगर भारत मर गया तो कौन जिएगा?का जिक्र किया. उन्होंने नेताओं से आग्रह किया कि देश के खतरे में होने पर मतभेद भुलाएं. थरूर ने कहा कि राष्ट्रीय महत्व के मौकों पर पार्टियों को हाथ मिलाना चाहिए. थरूर को हाल ही में एक लेख में प्रधानमंत्री मोदी की वैश्विक कूटनीति में ऊर्जा और गतिशीलता की तारीफ करने पर आलोचना झेलनी पड़ी. यह लेख प्रधानमंत्री कार्यालय ने साझा किया, जिससे कांग्रेस आलाकमान के साथ उनके संबंधों पर सवाल उठे. लेकिन थरूर ने स्पष्ट किया कि उनकी प्राथमिकता हमेशा देश है.