Haldwani Violence : हल्द्वानी में हिंसा भड़कने के पीछे का कारण, कैसे हैं मौजूदा हालात? पूरे राज्य में हाई अलर्ट

Haldwani Violence : हल्द्वानी में मदरसे और मस्जिद पर बुलडोजर की कार्रवाई के बाद हिंसा भड़की. कई जगहों पर आगजनी की गई. पूरे इलाके में प्रशासन का हाई अलर्ट जारी कर दिया गया है.

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Haldwani Violence : उत्तराखंड का हल्द्वानी जिला इन दिनों हिंसा की आग में झुलस रहा है. बीते गुरुवार को यानी 8 फरवरी को हल्द्वानी के बनभूलपुरा के पास अवैध मदरसे और मस्जिद पर बुलडोजर की कार्रवाई की जा रही थी. नगर निगम की टीम मदरसे और मस्जिद को तोड़ने के लिए जेसीबी लेकर पहुंची थी. इस दौरान वहां पर भारी भीड़ जमा हो गई, जिसके बाद वहां पर पत्थरबाजी और अधिकारियों पर हमला भी किया गया. कई जगह पर आग लगा दी गई. वहीं, इस घटना को लेकर राज्य के सीएम पुष्कर सिंह धामी ने हाई लेवल की बैठक बुलाई है. 

हिंसा की आग में झुलस उठा हल्द्वानी

हिंसा की आग इतनी भयावह थी कि पूरा शहर उसमें झुलस उठा. वहीं, जानकारी के अनुसार इस हिंसा में 6 लोगों की जान चली गई. प्रशासन द्वारा अब तक एक मौत की पुष्टि की गई है. हालात, ये हैं कि हल्द्वानी में दंगाइयों को देखते ही गोली मारने का आदेश जारी हो चुका है. इस हिंसा में अब तक 100 से अधिक लोग घायल हैं और पुलिस प्रशासन हालात को कंट्रोल करने में जुटा है. लेकिन, पूरे इलाके में अभी तनाव का माहौल है.

कैसे भड़की हिंसा

हल्द्वानी के बनभूलपुरा इलाके में मलिक के बाग में बने अवैध मदरसे और मस्जिद को तोड़ने के लिए नगर निगम की टीम पहुंची थी. बुलडोजर की कार्रवाई के दौरान नगर आयुक्त पंकज उपाध्याय, सिटी मजिस्ट्रेट ऋचा सिंह, उप जिलाधिकारी परितोष वर्मा समेत कई वरिष्ठ अधिकारी घटना स्थल पर मौजूद रहे. जैसे ही मस्जिद और मदरसे को तोड़ने की कार्रवाई शुरू की गई. बड़ी संख्या में महिलाओं सहित गुस्साएं स्थानीय निवासी कार्रवाई के विरोध में सड़कों पर उतर आए. 

भीड़ और पुलिस में बहस के बाद हिंसा भड़क गई. भीड़ उग्र होकर बैरिकेड तोड़ने लगी. बुलडोजर से मदरसे और मस्जिद को ध्वस्त करते ही भीड़ ने पुलिसकर्मियों, नगर निगम कर्मचारियों और पत्रकारों पर पथराव किया, जिसमें 100 से ज़्यादा लोग जख्मी हो गए. 

न्यायालय के आदेश पर हुई कार्रवाई

हल्द्वानी में स्थित अवैध मदरसे और मस्जिद पर न्यायालय के आदेश के बाद ध्वस्तीकरण की कार्रवाई की गई. कार्रवाई के दौरान वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक नैनीताल प्रह्लाद मीना के नेतृत्व में भारी पुलिस बल तैनात किया गया था. अधिकारी द्वारा जानकारी दी गई कि न्यायालय के आदेश की पालना में ध्वस्तीकरण की कार्रवाई की गई है. नगर आयुक्त पंकज उपाध्याय ने बताया कि ध्वस्त किया गया मदरसा और नमाज स्थल पूरी तरह से अवैध है. नगर निगम ने अवैध मदरसे और मस्जिद के पास स्थित तीन एकड़ जमीन को अपने कब्जे में ले लिया है.