Uniform Civil Code: समान नागरिक संहिता पर केंद्र को मिला मायावती का साथ

Uniform Civil Code: समान नागरिक संहिता को लेकर इन दिनों देश में माहौल गर्म है. इस मुद्दे को लेकर तमाम विपक्षी पार्टियों में बिखराव देखने को मिल रहा है. एक ओर जहां 2024 के चुनाव के लिए विपक्ष का महागठबंधन तैयार करने की कवायत चल रही है तो वहीं दूसरी तरफ समान नागरिक संहिता के समर्थन […]

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Uniform Civil Code: समान नागरिक संहिता को लेकर इन दिनों देश में माहौल गर्म है. इस मुद्दे को लेकर तमाम विपक्षी पार्टियों में बिखराव देखने को मिल रहा है. एक ओर जहां 2024 के चुनाव के लिए विपक्ष का महागठबंधन तैयार करने की कवायत चल रही है तो वहीं दूसरी तरफ समान नागरिक संहिता के समर्थन और इसके विरोध के बीच तमाम पार्टियों के बीच टकराव देखने को मिल रहा है.

आम आदमी पार्टी के बाद अब बसपा ने भी यूसीसी को अपना सपोर्ट देने के लिए कहा है. बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती ने मीडिया के सामने आकर कहा कि हमारी पार्टी यूसीसी लागू करने के खिलाफ नहीं है.

उन्होंने अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए कहा कि हमारी पार्टी UCC के खिलाफ नहीं है लेकिन जिस तरह से भाजपा देश में समान नागरिक संहिता लागू करने की कोशिश कर रही है हम उसका समर्थन नहीं करते . मायावती का कहना है कि इस मुद्दे का राजनीतिकरण करना और जबरदस्ती UCC को देश में लागू करना ठीक नहीं है.

मायावती ने कहा कि ये बात सही है कि विशाल आबादी वाले इस देश में हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई, पारसी और बौद्ध आदि विभिन्न धर्म को मानने वाले लोग रहते हैं जिनके हर मामले में रहन-सहन और जीवन शैली आदि के सभी पहलुओं में अंतर देखने को मिलता है. लेकिन वहीं दूसरी तरफ यह बात भी सोचने वाली है कि यदि यहां सभी धर्म को मानने वाले लोगों पर हर मामले में एक समान कानून लागू होता है तो इससे देश कमजोर नहीं बल्कि मजबूत होगा.

बसपा सुप्रीमो मायावती ने बताया कि संविधान की धारा 44 में समान सिविल संहिता यानी की यूनिफॉर्म सिविल कोड बनाने की बात कही गई है लेकिन इसे जबरन थोपने का सिद्धांत संविधान में नहीं है. इसके लिए देश के लोगों में जागरूकता और आम सहमति को श्रेष्ठ माना गया है.