वीके पांडियन ने राजनीति से लिया संन्यास, ओडिशा में BJD की करारी हार के बाद लिया फैसला

VK Pandian Retirement:  ओडिशा में बीजू जनता दल की करारी हार के बाद नवीन पटनायक के करीबी और पूर्व नौकरशाह वीके पांडियन ने राजनीति से संन्यास ले लिया है. एक वीडियो संदेश में पांडियन से सक्रिय राजनीति से अलग होने का ऐलान किया है.

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VK Pandian Retirement: लोकसभा चुनाव में  BJD को ओडिशा में करारी हार मिली है. ओडिशा विधानसभा चुनावों में पार्टी के खराब प्रदर्शन के लिए बीजद नेताओं और कार्यकर्ताओं द्वारा व्यापक रूप से दोषी ठहराया गया था. इस बीच आज वीके पांडियन ने राजनीति से संन्यास लेने की घोषणा की है. रविवार को उन्होंने एक वीडियो जारी कर सक्रिय राजनीति छोड़ने के फैसले की घोषणा की.

वीके पांडियन ने कहा, "अब, जानबूझकर मैंने खुद को सक्रिय राजनीति से अलग करने का फैसला किया है. अगर मैंने इस यात्रा में किसी को ठेस पहुंचाई है तो मुझे माफ करें. अगर मेरे खिलाफ इस अभियान की कहानी ने BJD की हार में कोई भूमिका निभाई है तो मुझे माफ करें.

रविवार को बीजू जनता दल नेता और 5टी चेयरमैन ने एक वीडियो संदेश जारी किया. उन्होंने कहा, "मैं एक बहुत ही साधारण परिवार और एक छोटे से गांव से आता हूं. बचपन से मेरा सपना आईएएस में शामिल होना और लोगों की सेवा करना था. भगवान जगन्नाथ ने इसे पूरा किया. केंद्रपाड़ा से मेरे परिवार के कारण, मैं ओडिशा आया. जिस दिन मैंने ओडिशा की धरती पर कदम रखा, मुझे ओडिशा के लोगों से बहुत प्यार और सम्मान मिला. मैंने लोगों के लिए बहुत मेहनत करने की कोशिश की.

नवीन पटनायक को लेकर वीके पांडियन ने कहा, "जो अनुभव, जो सीख मुझे उनसे मिली, वह जीवन भर के लिए है। मुझसे उनकी अपेक्षा ओडिशा के लिए उनके दृष्टिकोण को लागू करने की थी, और उन्होंने स्वास्थ्य, शिक्षा, गरीबी उन्मूलन में कई मील के पत्थर सफलतापूर्वक पार किए." उन्होंने आगे कहा कि उन्होंने स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ले ली और अपने गुरु नवीन पटनायक की सहायता के लिए बीजद में शामिल हो गए. "मेरा एकमात्र इरादा उनकी (नवीन पटनायक) मदद करना था. मैं कुछ धारणाओं और आख्यानों को स्पष्ट करना चाहूंगा. शायद, यह मेरी कमी रही है कि मैं इनमें से कुछ राजनीतिक आख्यानों का सही समय पर प्रभावी ढंग से मुकाबला नहीं कर पाया."

वीके पांडियन ने आगा कहा कि, मैं दोहराता हूं कि मैं कठिन चुनाव से पहले अपने गुरु नवीन पटनायक की मदद करने के लिए राजनीति में आया था. मुझे किसी विशिष्ट राजनीतिक पद या सत्ता की कोई इच्छा नहीं थी. इसलिए, मैं न तो राजनीतिक उम्मीदवार था और न ही मैं बीजद में किसी पद पर था.

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